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हरिद्वार रोशनाबाद /भले ही अभी हरिद्वार मे ग्राम पंचायत चुनाव कि कोई तिथि निश्चित न हुई हो लेकिन सरकार द्वारा आरक्षण तय होने के बाद समीकरण पूरी तरह बिगड चुके है,दुर्भाग्य से अधिकतर ऐसे लोग आरक्षण से बाहर हो गए जिन पर ग्रामीण इस बार विस्वाश दिखा रहे थे,हालाकी ऐसे लोगो के लिए चुनाव मे अन्य विकल्प तो खुले है परन्तु मुख्य सीट पर दावेदारी के लिए उन लोगो को प्राथमिकता मिल चुकी है जिनका बहुत से विवादों से नाता रहा है,
यहां एक हैरान करने वाली बात भी है जिस पर हंसी भी आ सकती है और रोना भी,बता दें कि इस बार चुनाव मे ऐसे ऐसे लोग भी ग्राम प्रधान कि दावेदारी पेश कर रहे है जिन्होंने कोरोना मे कहीं किसी भूखे के लिए लंगर लगाना तो दूर किसी को एक गिलास पानी तक नही पिलाया,न जाने आज वो ग्राम प्रधान बनने कि दावेदारी किस अधिकार से कर रहे है,हालाकी ये बात जितनी हैरान करती है उतनी ही हास्यपद भी है,
परन्तु समँझना होगा ऐसे लोगो कि नीति को जो बुरे समय मेरे आप लोगो के साथ खडे नजर नही आये तो वे आगे किस अधिकार से आपसे वोट माँगने कि उम्मीद कर रहे है, ऐसे लोग न मानवता के हित मे है और न ही ग्राम सभा के,समझदारी यही है कि ऐसे लोग ज़ब आपके दरवाजे पर वोट माँगने पहुंचे तो उनसे आप ये सभी सवाल करें, आप उन्हें वोट दें न दें परन्तु उनके जमीर को जगाने का प्रयास जरूर करें,