NEWS NATIONAL
यूके सरकार नई महामारियों के लिए तैयारी कर रही है। इस बीच देश के वैज्ञानिकों ने एक नए ‘घातक वायरस’ के बारे में चेतावनी दी है, जो लगभग हर दूसरे मरीज को मार सकता है। Mirror की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि सरकार की साइंस, इनोवेशन और टेक्नोलॉजी समिति को जलवायु परिवर्तन के कारण क्रीमियन-कांगो वायरल फीवर (CCHF) के फैलने की जानकारी दी गई थी।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, CCHF की मृत्यु दर 40 प्रतिशत तक है और इसे रोकना या इलाज करना बेहद मुश्किल काम है, क्योंकि यह यह काटने वाले कीड़े या जानवरों के टिश्यू से फैलता है।
वैज्ञानिकों ने समिति को बताया कि ये WHO की “प्राथमिकता” वाली बीमारियों की लिस्ट में भी है, और यह पूर्वी यूरोप और अब फ्रांस में पाया जाता है। वैज्ञानिकों ने नोट किया कि NHS में डॉक्टर इस CCHF संक्रमण की पहचान नहीं कर पाएंगे।रिपोर्ट में कहा गया है कि कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में पशु चिकित्सा के प्रमुख प्रोफेसर जेम्स वुड ने समिति को बताया कि इस बात की बहुत ज्यादा आशंका थी कि CCHF किसी भी समय UK पहुंच जाएगा, लेकिन यह जानना मुश्किल है कि इसके जरिए कौन से वायरस आएंगे और कब आएंगे। उन्होंने कहा, “जब तक कोई चीज हो नहीं जाती, तब तक हमें उसके बारे में पता नहीं चलता।”
रिपोर्ट में उनके हवाले से कहा गया, “कुछ कीड़ों के काटने से होने वाले इंफेक्शन के कारण ही CCHF के यूके में फैलन की ज्यादा आशंका है।” इसके अलावा, वैज्ञानिकों ने कहा कि ब्रिटेन में गर्म मौसम कारण रिफ्ट वैली फीवर समेत दूसरी बीमारियों के लिए भी रास्ते खोलेगा। इसमें जीका और अब्रेकबोन फीवर जैये गंभीर स्ट्रेन भी शामिल हैं, जो इंसानों के लिए काफी घातक हैं।
पीरब्राइट इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर प्रोफेसर ब्रायन चार्ल्सटन ने कहा, वायरल “उत्तर की ओर धीमी रफ्तार” से बढ़ रहा था।ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में महामारी विज्ञान संस्थान के डायरेक्टर प्रोफेसर सर पीटर हॉर्बी के अनुसार, जलवायु परिवर्तन के कारण कुछ बीमारियां फैल रही हैं।उन्होंने कहा, “डेंगू आमतौर एक दक्षिण अमेरिकी, दक्षिण पूर्व एशियाई ज्यादा फैलने वाली बीमारी है और उन देशों में हाइपरएन्डेमिक है, अब वो उत्तर में फैल गया है। अब आपको भूमध्य सागर में भी इस बीमारी का फैलाव देखने को मिल रहा होगा।”