भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव के बीच दुनिया भर की निगाहे दोनों देशों पर टिकी है, लेकिन दुनिया के लगभग सभी देश भारत के समर्थन मे खडे नजर आ रहे है हलाकि कुछ देश ऐसे भी है जो पकिस्तान की होने वाली दुर्दशा क़ो जानते हुए भी पाकिस्तान से मित्रता निभा रहे है जिसके चलते तुर्की का एक कार्गो विमान वियतनाम से कराची पहुंचा है।
तुर्की ने खुलकर पाकिस्तान का समर्थन किया है, और यह घटना कराची बंदरगाह के कथित ब्लॉक की चर्चाओं के बीच हुई। हालांकि, विमान में हथियार, राहत सामग्री, या अन्य सामान है, इसकी स्पष्ट जानकारी नहीं मिली है।
ज्ञात हो कि 2023 में भूकंप के समय भारत ने तुर्की की मदद की, और अब वही पीठ में छुरा भोंक रहा है। यह घटना भारत-पाक तनाव को और जटिल बना सकती है, खासकर तब जब भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया है। बताते चलें कि, तुर्की और पाकिस्तान के बीच सैन्य सहयोग पुराना है। तुर्की ने पहले पाकिस्तान को बायकर TB2 और अकिंची ड्रोन, MILGEM कोरवेट्स, और अन्य हथियार सप्लाई किए हैं।
हाल ही में तुर्की की नौसेना का युद्धपोत TCG Büyükada 4 मई को कराची पहुंचा था, जिसे पाकिस्तान ने “भाईचारे का प्रतीक” बताया, लेकिन भारत ने इसे रणनीतिक संदेश माना। कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि छह C-130 हरक्यूलिस विमानों ने पाकिस्तान में सैन्य सामग्री पहुंचाई, हालांकि तुर्की ने इसे “रिफ्यूलिंग” बताकर खारिज किया था। बता दें कि, 2023 में तुर्की में आए भूकंप के दौरान भारत ने ‘ऑपरेशन दोस्त’ के तहत राहत सामग्री, मेडिकल टीमें, और NDRF दस्ते भेजकर मदद की थी। अब तुर्की का पाकिस्तान समर्थन भारत में नाराजगी का कारण बन रहा है।
तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने अभी कुछ दिनों पहले ही भारत-पाक तनाव में “डी-एस्केलेशन” की बात की थी, लेकिन उनकी कार्रवाइयां उलट संदेश दे रही हैं। विश्लेषकों का मानना है कि तुर्की का यह कदम क्षेत्रीय संतुलन को प्रभावित कर सकता है, खासकर अगर कराची बंदरगाह पर कोई ब्लॉक की स्थिति बनती है।
केवल यही नहीं, भारत की नौसेना अरब सागर में INS विक्रांत और INS विक्रमादित्य के साथ पूरी तरह तैयार है। अब समय आ चुका है कि लगे हाथ इस गद्दार को भी जरुरी सबक सिखाया जाए। इस बारे में बात करते हुए पूर्व विदेश सचिव कंवल सिब्बल ने सुझाव दिया कि भारत को तुर्की के साथ उड़ानें निलंबित करनी चाहिए। तुर्की की हरकतें भारत को ग्रीस जैसे उसके क्षेत्रीय प्रतिद्वंद्वियों के साथ संबंध मजबूत करने के लिए प्रेरित कर सकती हैं।