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खबर विशेष / ज़ब भी आप नेशनल हाइवे पर किसी ड्राईव के सफर पर निकलते है तो पेट्रोल डीजल की महंगाई के साथ साथ आपकी जेब पर टोल टैक्स की मार भी पडती है कई बार तो आप टोल से परेशान होकर बस या ट्रेन से सफर करने मे ही गनीमत समझते है,क्योंकि जैसे ही आप नेशनल हाइवे पर चौपहिया वाहन लेकर निकलते है तो कई बार तो कुछ ही दूरी पर एक से अधिक टोक मिल जाते है जिस कारण आप झुंझला जाते है कभी सरकार को कोसते है तो कभी खुद को,लेकिन परेशानी बढ़ती है तो उसका हल भी निकल ही जाता है,
बता दें की गडकरी सरकार अब ऐसा ही कुछ प्लान लेकर आ रही है जिसके चलते आपको बड़ी राहत मिलने जा रही है अब नेशनल हाईवे पर सफर करना आपकी जेब के लिए भारी नहीं पड़ेगा और सफर भी जल्दी कट जाएगा। जी हाँ अब हाइवे पर सफर के दौरान आपको बार-बार टोल पर न तो रुकना होगा और न ही टोल टैक्स देने की ज़रूरत पड़ेगी। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को लोकसभा में सरकार की इस योजना की जानकारी देते हुए कहा कि अब हाईवे पर टोल प्लाजा की संख्या सीमित हो जाएगी, जबकि स्थानीय लोगों को अब टोल नहीं देना होगा। उन्होंने कहा कि अभी कई ऐसी शिकायतें मिलती हैं जिसमें 10 किलोमीटर की रेंज में ही दूसरा टोल टैक्स देना पड़ता है, जो गलत है। अब लोगों को 60 किलोमीटर के दायरे में सिर्फ एक बार ही टोल देना होगा। यानी अब इतने किलोमीटर के दायरे में सिर्फ 1 टोल प्लाजा काम करेगा। बाकी सभी टोल प्लाजा हटाए जाएंगे। यह काम अगले 3 महीने के अंदर ही हो जाएगा।
अगर आप स्थानीय हैं तो कोई टोल नही.
नितिन गडकरी ने कहा कि अक्सर हाईवे के किनारे रहने वाले लोगों की शिकायत होती थी कि उन्हें एक गांव से दूसरे गांव में जाने के लिए भी टोल देना पड़ता है, जबकि वह आसपास ही रहते हैं। इस समस्या के समाधान पर भी काम किया जाएगा। उन्होंने बताया कि स्थानीय लोगों को टोल नहीं देना होगा। उन्हें एक पास दिया जाएगा, जिसे दिखाकर वह हाईवे पर फ्री में सफर कर सकेंगे।हालाकी टोल के क्षेत्रों मे अभी भी अधिकतर ये सुविधा है,
गडकरी सरकार की अगर माने तो 3 महीने में कम हो जाएगा टोल टैक्स.
घोषणा के मुताबिक आने वाले 3 महीनों में देश में टोल प्लाजा की संख्या कम हो जाएगी। नये नियम के मुताबिक अब 60 किलोमीटर के दायरे में केवल एक टोल प्लाजा काम करेगा। बाकी अन्य टोल प्लाजा बंद कर दिए जाएंगे। दरअसल, सरकार हाईवे पर ट्रैफिक बढ़ाकर टोल से आमदनी बढ़ाने पर जोर दे रही है। वहीं टोल प्लाजा के पास रहने वालों की हमेशा मांग रहती है कि उन्हें टोल में राहत दी जाए, क्योंकि स्थानीय होने के कारण उन्हें लगातार यात्रा करनी पड़ती है।