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हमारा मिशन चंद्रमा सफल रहा।जिसके बाद दुनिया की नजरें अब सिर्फ हम पर टिकी है,इसके बाद हमने सूरज की ओर भी उड़ान भर ली है। अब आगे का प्लान क्या है, इसके बारे में इसरो चीफ एस सोमनाथ ने जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि इसरो ने ऐसे तारों के रहस्य सामने लाने की योजना बनाई है जिन पर पर्यावरण होने की बात कही जाती है या जो सौरमंडल से बाहर स्थित हैं।
भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी (इनसा) के तत्वावधान में एक व्याख्यान देते हुए सोमनाथ ने कहा कि एजेंसी शुक्र ग्रह (वीनस) के अध्ययन के लिए एक मिशन भेजने की योजना बना रही है। इसके अलावा अंतरिक्ष के जलवायु तथा पृथ्वी पर उसके प्रभाव का अध्ययन करने के लिए दो उपग्रह भेजने की योजना भी है।
खुलेंगे कई नए राज
इसरो प्रमुख ने कहा कि एक्सपोसैट या एक्स-रे पोलरीमीटर सैटेलाइट इस साल दिसंबर में प्रक्षेपण के लिए तैयार है। यह सैटेलाइट खत्म होने की प्रक्रिया से गुजर रहे तारों का अध्ययन करने के लिए है। सोमनाथ के मुताबिक, हम एक्सोवर्ल्ड्स नामक एक उपग्रह के कांसेप्ट पर भी विचार कर रहे हैं जो हमारे सौरमंडल से बाहर के ग्रहों और अन्य तारों का चक्कर लगा रहे ग्रहों का अध्ययन करेगा। उन्होंने कहा कि सौरमंडल के बाहर 5,000 से अधिक ज्ञात ग्रह हैं जिनमें से कम से कम 100 पर पर्यावरण होने की बात मानी जाती है।
मंगल पर अंतरिक्षयान उतारने का भी विचार
सोमनाथ ने कहा कि मंगल पर एक अंतरिक्षयान उतारने की योजना अवधारणा के स्तर पर है। बता दें कि भारत ने मंगल पर अपना यान भेज चुका है। साल 2013 में भारत ने मंगलयान लांच किया था। यह मंगलयान 2014 में पहली बार में ही मंगल की कक्षा में पहुंच गया था। इसके साथ ही भारत इतिहास रच दिया था, क्योंकि उससे पहले किसी भी देश ने पहली बार में ऐसी शानदार सफलता हासिल नहीं की थी।