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जानिये कौन है ऑपरेशन सिंदूर की ब्रीफिंग करने वालीं भारत की ये दो बेटियाँ कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह, ओर कितनी मिलती है सैलरी ?

ByManish Kumar Pal

May 8, 2025

NEWS NATIONAL

पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेने के लिए 6-7 मई 2025 की रात भारत ने जब ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंक के 9 ठिकानों को ध्वस्त किया, तो देश को न केवल सैन्य शक्ति का प्रदर्शन देखने को मिला, बल्कि महिला नेतृत्व की अद्भुत मिसाल भी पेश हुई।

इस हाई-प्रोफाइल ऑपरेशन की आधिकारिक ब्रीफिंग 7 मई की सुबह भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी और भारतीय वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने संयुक्त रूप से की। यह पहली बार था जब किसी अंतरराष्ट्रीय सैन्य कार्रवाई के बाद भारत में दो महिला सैन्य अधिकारियों ने मिलकर मीडिया को ऑपरेशन की जानकारी दी।

कर्नल कुरैशी ने बताया कि किस तरह ऑपरेशन की योजना बनाई गई, खुफिया इनपुट कैसे एकत्र किए गए, और ज़मीन पर इकाइयों की तैनाती कैसे की गई। वहीं, विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने एयरस्ट्राइक से जुड़ी तकनीकी जानकारी साझा की-जैसे कि लेजर-गाइडेड बमों का उपयोग और लक्ष्यों की सटीक पहचान।

कौन हैं कर्नल सोफिया कुरैशी?

करीब 43 वर्षीय कर्नल सोफिया कुरैशी भारतीय सेना की सिग्नल कोर से जुड़ी एक प्रतिष्ठित अधिकारी हैं। मूल रूप से वडोदरा, गुजरात की रहने वाली कुरैशी ने बायोकेमिस्ट्री में पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री हासिल की है। उन्होंने 1999 में मात्र 17 वर्ष की आयु में शॉर्ट सर्विस कमीशन के ज़रिए सेना जॉइन की थी। सैन्य परंपरा उनके खून में है। उनके दादा भी सेना में थे, और पति मैकेनाइज़्ड इन्फेंट्री में सैन्य अधिकारी हैं।

मार्च 2016 में उन्होंने इतिहास रचते हुए भारतीय सेना की ओर से ‘एक्सरसाइज फोर्स 18’ में टुकड़ी का नेतृत्व किया। ऐसा करने वाली वह भारत की पहली महिला सैन्य अधिकारी बनीं। यह अब तक का सबसे बड़ा बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास था, जिसमें ASEAN देशों सहित भारत, अमेरिका, चीन, रूस, जापान, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और दक्षिण कोरिया जैसे देश शामिल हुए थे। यह कार्यक्रम पुणे में आयोजित हुआ था। 2025 में उन्होंने एक बार फिर देश का नाम रोशन किया जब उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर की औपचारिक ब्रीफिंग कर नेतृत्व की नई मिसाल पेश की।

कर्नल सोफिया कुरैशी का वेतन: भारतीय थल सेना में ब्रिगेडियर से नीचे और लेफ्टिनेंट कर्नल से ऊपर की रैंक होती है कर्नल। उनके अधीन एक पूरी रेजिमेंट होती है जिसमें लगभग 900-950 जवान होते हैं। कर्नल को स्तर 13 के तहत ₹1,30,600 – ₹2,15,900 प्रतिमाह वेतन मिलता है। उन्हें इसके साथ ही शीर्ष स्तर का सरकारी आवास, निजी ड्राइवर, घरेलू सहायक (नौकर), मुफ्त चिकित्सा सुविधा, रियायती यात्रा, और रिटायरमेंट के बाद पेंशन व ग्रेच्युटी जैसी सुविधाएं मिलती हैं।

कौन हैं विंग कमांडर व्योमिका सिंह?

व्योमिका सिंह भारतीय वायुसेना की एक अनुभवी और निडर अफसर हैं, जो हेलिकॉप्टर यूनिट में तैनात हैं। उन्होंने ‘चेतक’ और ‘चीता’ जैसे लाइट हेलिकॉप्टर्स को उड़ाया है, जो दुर्गम और संवेदनशील इलाकों में मिशन के लिए प्रयोग होते हैं। उन्हें 18 दिसंबर 2004 को 21वीं शॉर्ट सर्विस कमीशन (महिला) फ्लाइंग पायलट कोर्स के तहत वायुसेना में शामिल किया गया था। तब से लेकर अब तक वह भारतीय वायुसेना की सबसे भरोसेमंद और जांबाज़ महिला अफसरों में गिनी जाती हैं।

2,500 घंटे की उड़ान और हर मिशन में भरोसे का नाम: अपने दो दशक लंबे करियर में उन्होंने 2,500 घंटे से अधिक उड़ान पूरी की है। उन्होंने पहाड़ों, घने जंगलों और रेगिस्तानों में कई राहत, बचाव और सैन्य अभियानों को अंजाम दिया है। 18 दिसंबर 2017 को उन्हें विंग कमांडर के पद पर पदोन्नत किया गया, जो वायुसेना में एक वरिष्ठ और जिम्मेदार रैंक है। उन्होंने यह साबित किया है कि भारतीय वायुसेना में नारी शक्ति सिर्फ मौजूद ही नहीं, बल्कि अग्रिम पंक्ति में नेतृत्व भी कर रही है।

विंग कमांडर व्योमिका सिंह का वेतन: भारतीय वायुसेना में स्क्वाड्रन लीडर से ऊपर और ग्रुप कैप्टन से नीचे की रैंक होती है विंग कमांडर। यह रैंक स्क्वाड्रनों या ऑपरेशनल यूनिट्स का नेतृत्व करने के लिए होती है। एक विंग कमांडर को ₹90,000 से ₹1,20,000 प्रतिमाह वेतन मिलता है। इसके अतिरिक्त उन्हें सरकारी आवास, एक वाहन, स्वास्थ्य सेवाएं, और रिटायरमेंट लाभ दिए जाते हैं।

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