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NCR / बता दें की एनसीआर मे डीजल जेनरेटर पर अब रोक लगने जा रही है। एक अक्टूबर से यहां ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान ( GRAP ) लागू होने जा रहा है।
ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान इमरजेंसी उपायों का एक समूह है. यह दिल्ली-एनसीआर में तय सीमा तक पहुंचने के बाद एयर क्वालिटी में गिरावट को रोकने के लिए लागू किया जाता है. इसे सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के बाद साल 2017 में नोटिफ़ाई किया गया था. एससी मेहता बनाम भारत संघ की सुनवाई करते हुए सर्वोच्च अदालत ने यह फैसला सुनाया था
इसके तहत हाईराइज सोसाइटी, मॉल और अस्पतालों और इंडस्ट्री में ऐसे जेनरेटर को ही चलाने की इजाजत होगी जो पीएनजी या बायो फ्यूल पर चलते हो। डीजल जेनरेटर पर रोक लगने से उद्यमियों को बड़ा नुकसान होने का डर सता रहा है। इसके अलावा सोसाइटी में रहने वाले लोगों को भी बड़ी परेशानी उठानी पड़ सकती है। नोएडा-गाजियाबाद की करीब 80 फीसदी सोसाइटी में पावर बैकअप डीजल जेनरेटर के जरिए ही किया जाता है।
इंडस्ट्री को हो सकता है बड़ा नुकसान
नोएडा-ग्रेटर नोएडा में मिलाकर करीब 12 से 15 हजार उद्योग हैं। इसके अलावा सोसाइटी और निजी संस्थान हैं। शहर में 40 हजार के आस-पास जनरेटर है जिनमें से अब तक करीब चार हजार ही पीएनजी फ्यूल में कनर्वट हो सके हैं। इसमें इंडस्ट्री के 1,500 जनरेटर शामिल हैं। इस स्थिति में यदि डीजल जनरेटर बंद हो जाएंगे तो उद्यम प्रभावित होगा। इसका सीधा असर एमएसएमई सेक्टर पर पड़ेगा। छोटे उद्योगों में 50-100 श्रमिक काम करते हैं यदि इकाईयां बंद होती हैं तो इसका श्रमिकों पर भी विपरीत प्रभाव पड़ेगा।
बताया जा रहा है कि डीजल जनरेटर का संचालन बंद होने से सबसे बड़ा असर उद्योगों के अलावा हाईराइज सोसाइटियों, मॉल और अस्पतालों पर पड़ेगा। सोसाइटियों में डीजल जनरेटर का इस्तेमाल पावर बैकअप के लिए किया जाता है। करीब 90 प्रतिशत बिल्डिंग में डीजी सेट कन्वर्ट नहीं कराए गए हैं।