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हरिद्वार सिडकुल । जहाँ एक और सरकार स्वच्छ भारत अभियान चलाकर लोगों को जागरूक कर रही हैं तो वहीं देश भर मे गौ सुरक्षा को लेकर बहुत सी सामजिक संस्थाओं द्वारा मुहीम चलाई जा रही हैं, लेकिन दुर्भाग्य की देवभूमि कहीं जाने वाली पावन भूमि का एक जनपद जिसे धर्मनगरी के नाम से सम्पूर्ण विश्व मे जाना जाता हैं, उस पावन नगरी के कुछ क्षेत्र मे न तो स्वच्छ भारत अभियान का कोई महतत्व नजर आ रहा हैं और न ही उस अभियान की मर्यादा रखी जा रही हैं, इतना ही नही वो पशु भी सुरक्षित नही जिन्हे बचाने के लिये आज सम्पूर्ण देश के लोग एकजुट होकर मुहीम चला रहे हैं, गांय सिर्फ गांय ही नही बल्कि गौ माता के नाम से आज पुरे देश मे श्रद्धा का प्रतिक मानी जाती हैं,
अब आप सोच रहे होंगे की आखिर इस खबर मे ऐसा क्या हैं जो स्वच्छ भारत अभियान और गौ रक्षा को एक साथ जोड़ दिया गया, तो आपको बता दें की जहरीले कचरे से भरे इन टिलो पर चौबीसो घंटे घरेलु पशु भी जेहरीला कचरा और पोलोथिन खाकर मरते हैं,
जानकारी के लिये बता दें की धर्मनगरी हरिद्वार के औद्योगिक क्षेत्र सिडकुल के पूरब दिशा मे एक सुखी नदी हैं जो क्षेत्रफल मे काफी लम्बी चौड़ी हैं, और राजाजी नेशनल पार्क के सीमाक्षेत्र मे आती हैं, आज इसके एक छोर पर इतना कचरा फेंका जा चूका हैं की अगर आप दूर से देखेंगे तो ये आपको ऊँचे ऊँचे टिलों मे नजर आ जाएंगे, जो जहरीले कबाड़ और कचरे के टीले हैं,यह सिडकुल का एक ऐसा क्षेत्र हैं जो प्रसाशनिक अधिकारियों और पोलूशन डिपार्टमेंट की नजरों से दूर हैं शायद इसी कारण यहाँ किसी प्रकार की कोई कार्यवाही आज तक नही हुई,
अब कचरे के इस बड़े क्षेत्र से यहाँ क्या क्या हानियाँ हो रही हैं जरा उन भी विचार करते हैं.
1. इस कचरे के कारण आस पास के क्षेत्र मे भयंकर बदबू फैली हैं और हवाओं मे बदबू होने के कारण पर्यावरण जेहरीला और दूषित होता चला जा रहा हैं जिस कारण यहाँ बीमारियाँ फैलने का खतरा बहुत ज्यादा बढ़ चूका हैं,
2. इस कचरे मे हमेशा गांय पोलोथिन और जेहरीले पदार्थ खाती नजर आती हैं, जिसके कारण कईं बार यहाँ गांय मर चुकी हैं,
3. चूंकि सुखी नदी का यह क्षेत्र राजाजी नेशनल पार्क की सीमा मे आता हैं, इसलिए रात्रि के समय यहाँ जंगली जानवर भी पहुँच जाते हैं, और इस जेहरीले कचरे पर घंटो मंडराते हैं,
4. पास ही पोलिटेक्निक कॉलेज भी हैं और इसी कॉलेज के सामने जेहरीले कचरे का ये पूरा बवाल हैं, ज़ब भी कॉलेज से छात्र छात्राये कॉलेज मे आना जाना करते हैं तो उन्हें मुँह पर हाथ रखकर निकलना पड़ता हैं क्योंकि आस पास के क्षेत्र मे इतनी बदबू फैली हैं की आप बिना मास्क लगाए यहाँ से निकल ही नही सकते,
क्षेत्रीय लोगों और कचरा ठेकेदारों मे होती रहती हैं नोकझोंक,
सिडकुल की सूखी नदी के रास्ते में कूड़ा कचरा डालने को लेकर क्षेत्र वासियों ओर पालिका के ठेकेदार के बीच विवाद होता रहता हैं । ग्रामीणों ने रास्ते में कूड़ा डालकर रास्ता बंद करने और गंदगी फैलाने का आरोप लगाया है।
बता दें कि पिछले दो दिनों से रिमझिम बारिश के कारण सूखी नदी में पानी रुक गया। पानी की निकासी न होने के कारण दलदल हो गई। छोटे बड़े वाहनों का आवागमन बाधित हो गया। जिस कारण नगर पालिका शिवालिक नगर और आसपास के क्षेत्र का कूड़ा कचरा पॉलिटेक्निक कॉलेज के सामने डंप कर दिया गया । जिस कारण कॉलेज के अंदर जेहरीली मक्खी मच्छरों ओर भयंकर बदबू के कारण छात्र-छात्राओं और शिक्षकों को भी परेशानी उठानी पड़ रही है।
वहीं, पालिका से कूड़ा उठाने वाली एजेंसी के ठेकेदार का तर्क है कि उनको पालिका की तरफ से पांच छोटी गाड़ियां ओर दो ट्रैक्टर-ट्रॉली मिले हैं। बारिश से पहले सभी वाहन नदी में चले जाते थे लेकिन, पानी आने के कारण वाहन नदी में नहीं जा पा रहे हैं।
उधर, विद्यालय के प्रधानाचार्य अनिल कुमार ने कहा कि कूड़े की गाड़ियों के चालकों को कूड़ा कचरा डालने से मना करते हैं, तो ये सिक्योरिटी गार्ड के साथ कहासुनी करते हैं। कहने पर भी कोई सुनने को तैयार नहीं है।जिस कारण यहाँ गन्दगी की समस्या बढ़ती जा रही हैं,