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UTTARAKHAND / टूरिस्ट की आमद कम होने के कारण लीज पर दी गई करीब 15 परसेंट प्रॉपर्टीज वापस- हैवी रेन, पहाड़ी प्रदेशों में आपदा के खतरे को देखते हुए टूरिस्ट पहुंच रहे कम,
मसूरी पर्यटकों के लिए सबसे मुफीद मानी जाती है। सीजन चाहे जो भी, यहां वर्षभर पर्यटकों की आमद लगी रहती है। लेकिन, वर्तमान में मसूरी में खामोशी छाई हुई है। खास बात ये है कि सीजन के दौरान कई ऐसे होटल, रेस्टारेंट, होम स्टे व दुकानें होती हैं, जो लीज पर चलती हैं। इसके लिए दिल्ली, मेरठ, हरियाणा समेत दूसरे शहरों के कारोबारी इन प्रॉपर्टीज को लीज पर लेते हैं। लेकिन, आजकल ये व्यापारी पर्यटकों की संख्या काफी होने के कारण वापस लौट रहे हैं। बताया गया है कि करीब सौ से ज्यादा ऐसी प्रॉपर्टीज हैं, जिन्होंने लीज पर ली अपनी ये प्रॉपर्टीज मसूरी के व्यापारियों को वापस कर दी हैं। इसकी वजह उन्होंने पर्यटकों की संख्या में कमी आना बताया है।
जून में सबसे ज्यादा टूरिस्ट दिखे थे
मसूरी ट्रेडर्स एंड वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष रजत अग्रवाल के अनुसार इस सीजन में पर्यटकों की आवक कम होने के कई कारण रहे हैं। इनमें लगातार हो रही बारिश और हिमाचल की तर्ज पर उत्तराखंड में भी सोशल मीडिया पर आपदा का दिखाई देना प्रमुख हैं। जबकि, उत्तराखंड में हिमाचल के जैसे नुकसान नहीं हुआ है। रजत अग्रवाल बताते हैं कि जून महीने में मसूरी पूरी तरह पैक नजर आई थी और जुलाई में 90 परसेंट तक ऑक्यूपेंसी की उम्मीद थी। लेकिन, टूरिस्ट्स का रुख अब इधर काफी कम है।
कुल्लू का पर्यटन कारोबार ठप, होटलों में पड़ा सन्नाटा,
कूल्लू में मानसून ने इस बार जमकर तांडव मचाया है. बाढ़ के कारण कुल्लू जिले के पर्यटन कारोबार को भारी नुकसान हुआ है. मनाली के 3000 से अधिक होटलों में सन्नाटा छाया है. वहीं, व्यापार नहीं होने से होटल कर्मचारियों को 2 माह के छुट्टी पर भेजा गया है.
हिमाचल प्रदेश में बीते दिनों आई बाढ़ के कारण कुल्लू में पर्यटन कारोबार को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है. दरअसल, जिले में आई बाढ़ के चलते जहां सड़कों को नुकसान हुआ तो वहीं कई घर भी ब्यास नदी की चपेट में आए हैं. ऐसे में सड़कें कई जगह पर वाहनों की आवाजाही के लिए बंद हो गई है. आने वाले दिनों में अगर जल्द ही बंद सड़कों को बहाल नहीं किया गया तो इससे घाटी का पर्यटन कारोबार ठप हो जाएगा. यही नहीं अगर जल्द ही पर्यटन कारोबार पटरी पर नहीं लौटा तो इससे घाटी में हजारों लोग भी बेरोजगार हो जाएंगे.