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शाहजहांपुर के मीरानपुर कटरा के असिस्टेंट प्रोफेसर आलोक गुप्ता की हत्या के बाद सुबह से तनावपूर्ण माहौल रहा। शाम को उनका शव आने के बाद व्यापारियों व आमजन ने शाम करीब सात बजे लखनऊ-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर कटरा चौराहे के पास जाम लगा दिया।
रात करीब साढ़े दस बजे आरोपी शहबाज का एनकाउंटर होने की सूचना के बाद जाम को खोला गया।
शाम को बरेली में पोस्टमार्टम होने के बाद शव कटरा लाया गया। इस बीच लोगों ने कई बार नेशनल हाईवे पर जाम लगाने का प्रयास किया लेकिन पुलिस ने उन्हें सड़क से हटा दिया। उसके बाद लोगों ने हाईवे जाम कर दिया।
आरोपियों की गिरफ्तारी होने पर जाम खोलने व अंत्येष्टि करने की बात कही गई। नेशनल हाईवे जाम होने के चलते वाहन रुक गए। रात करीब साढ़े दस बजे आरोपी शाहबाज का एनकाउंटर होने की पुख्ता सूचना मिलने के बाद लोगों ने जाम खोला।
हत्याकांड में नाम आने के बाद हरिद्वार में रह रहा था शाहबाज
सपा के पूर्व नगराध्यक्ष सरताज खां की हत्या में नाम आने के बाद आरोपी शाहबाज को पुलिस ने हिरासत में लेकर पूछताछ की थी। इसके बाद पुलिस से बचने के लिए हरिद्वार में जाकर रहने लगा था।
मामला शांत होने के बाद कुछ माह पहले फिर से कटरा में लौट आया था। शाहबाज के माता-पिता की पहले मौत हो चुकी है। उसका बड़ा भाई साबिर हसन व दो छोटी बहनें हैं, जो घरों में चौका-बर्तन करती हैं। आलोक की हत्या के बाद उसकी बहनें भी घर में ताला डालकर चलीं गईं हैं।
एसओजी समेत पांच टीमों को जुटाया
घटना के आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए एसपी ने एसओजी समेत पांच टीमों को लगाया है। पुलिस ने अज्ञात बदमाशों की तलाश के लिए मुखबिर तंत्र को सक्रिय कर दिया है। इंस्पेक्टर पवन पांडेय के अनुसार, बुधवार को अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
इंस्पेक्टर पर चली गोली फिर हुआ एनकाउंटर
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, कटरा में मेडिकल परीक्षण के बाद थाना प्रभारी और दरोगा इतेश तोमर पुलिस टीम के साथ आरोपी शाहबाज को लेकर शाहजहांपुर के लिए निकले थे। कटरा से सात-आठ किलोमीटर दूर बतलइया गांव के पास शाहबाज ने दरोगा इतेश तोमर की सरकारी पिस्टल छीन ली और धीमे हुए वाहन से कूदकर भाग गया।
करीब सात सौ मीटर दूर गन्ने के खेत में छुप गया। पुलिस टीम ने पीछा किया तो शाहबाज ने फायरिंग शुरू कर दी। बताते हैं कि गोली इंस्पेक्टर पवन पांडेय की बुलेटप्रूफ जैकेट में लगी। इसके बाद पुलिस की अन्य टीमें आ गईं और शाहबाज को मार गिराया। हालांकि एनकाउंटर के बारे में अधिकारी भी अभी खुलकर ज्यादा कुछ नहीं बता रहे हैं।
दूसरे समुदाय के युवक का नाम आने पर भड़के लोग
घटना की सूचना मिलने के बाद एसपी देहात संजीव वाजपेयी, सीओ तिलहर प्रयांक जैन मौके पर पहुंच गए। उन्होंने फोरेंसिक टीम को बुलाने की बात कहते हुए किसी को अंदर जाने नहीं दिया। इस पर लोगों ने घटना को छिपाने का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। इस बीच व्यापारियों के सामने शहरोज का नाम सामने आया।
इस पर व्यापारियों ने आरोप लगाया कि सपा नेता की हत्या के बाद तीन बार शहरोज को पकड़ा गया था, लेकिन पुलिस ने उसे छोड़ दिया। तभी पुलिस के एक अधिकारी पर मुस्लिम नेता के दबाव में शहरोज को छोड़ने की बात सामने आने पर लोग भड़क गए। उन्होंने दूसरे समुदाय के युवक पर हत्या का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया।
आरोपियों का मकान ध्वस्त करने की मांग
हत्या के विरोध में व्यापारियों ने बाजार को बंद कर दिया। इस बीच आईजी डॉ. राकेश सिंह के आने पर व्यापारियों ने उनका घेराव कर दिया। मांग की गई कि जिस नेता के इशारे पर आरोपी को छोड़ा गया, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए। इसके बाद बाजार समेत शिक्षण संस्थाएं बंद रहीं। सुरक्षा की दृष्टि से जलालाबाद, जैतीपुर, गढि़या रंगीन, खुदागंज और तिलहर समेत कई थानों की पुलिस फोर्स बुला ली गई।
असिस्टेंट प्रोफेसर की हत्या, पुलिस हिरासत से भागा बदमाश ढेर
आपको बता दें कि शाहजहांपुर के मीरानपुर कटरा के मोहल्ला बाजार के एक मकान में मंगलवार तड़के घुसे बदमाशों ने असिस्टेंट प्रोफेसर आलोक गुप्ता (36) की चाकुओं से गोदकर हत्या कर दी। विरोध पर परिवार के छह लोगों को चाकू घोंपकर घायल कर दिया। मौके से पड़ोसियों ने एक बदमाश शाहबाज को दबोचकर पुलिस के हवाले कर दिया। देर शाम न्यायालय में पेश करने के लिए ले जाते वक्त दरोगा की पिस्टल छीनकर भागे शाहबाज को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया।
आलोक गुप्ता शाहजहांपुर शहर के नजदीक सन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी में कार्यरत थे। मंगलवार तड़के करीब तीन बजे बदमाश दीवार फांदकर घर में घुसे। आवाज सुनकर जागे आलोक को देखकर बदमाशों ने उन पर हमला कर दिया। चाकू के कई वार होने से वह लहूलुहान होकर जमीन पर गिर गए। चीख सुनकर अन्य परिजन भी वहां आ गए। बदमाशों ने आलोक की पत्नी खुशबू गुप्ता उर्फ सोनम, छोटे भाई प्रशांत गुप्ता, उनकी पत्नी रुचि गुप्ता, पिता सुधीर गुप्ता और आलोक की बेटी अंबिका (6) व बेटे (4) को भी चाकू मारकर घायल कर दिया।
शोरशराबा होने पर मोहल्ले के लोग जाग गए। भागने की कोशिश कर रहे बदमाश शाहबाज को मोहल्ले के लोगों ने पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। जबकि बाकी साथी भाग गए। पुलिस घायलों को सीएचसी और फिर बरेली के एक प्राइवेट अस्पताल ले गई। वहां पहुंचने तक आलोक की मौत हो चुकी थी।