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सिडकुल के नजदीक ग्राम रोशनाबाद अवैध क्लीनिक ओर मेडिकल का ऐसा गढ़ बना चूका है जहाँ एक या दो दर्जन नही बल्कि 300 से ऊपर की संख्या मे ये इस क्षेत्र मे फैल चुके है,
इनमे से ऐसे बहुत से ऐसे मेडिकल व क्लीनिक है जहाँ चोरी छिपे नशे के केप्सूल ओर इंजेक्शन गुप्त रूप से बेचे जा रहे है यह क्षेत्र प्रसाशनिक भवन रोशनाबाद के जितना नजदीक पड़ता है उससे ज्यादा नजदीक वो स्वास्थ्य विभाग पड़ता है जो कुर्सियां तोड़ सरकार की नशामुक्त राज्य की मुहीम पर पानी फेर रहा है,
आपको बता दे की रोशनाबाद मे लगातार बाहरी लोगों द्वारा कहीं अवैध मेडिकल स्टोर खोले जा रहे है तो कहीं क्लीनिक,जहाँ झोलाछाप डॉक्टर मरीजों की जान से खिलवाड़ कर रहे है लेकिन दुर्भाग्य की बात ये है की न तो यहाँ लगातार खुल रहे मेडिकल स्टोरों पर प्रसाशन की कोई कार्यवाही है ओर न ही क्लिनिकों पर कोई लगाम, इस क्षेत्र मे लगातार झोलाछाप डॉक्टरों की फौज भी लगातार बढ़ती नजर आने लगी है
झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा रोशनाबाद मे होती रहती है अप्रिय घटनाएं,
बता दे की इस क्षेत्र मे ऐसी अप्रिय घटनाएं इन झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा घटती रहती है जिनसे पूरा ग्रामीण क्षेत्र सहम जाता है,अभी हाल ही मे एक महिला झोलाछाप डॉक्टर के कारण एक गर्भवती महिला नें डलीवरी के समय से मात्र चार दिन पहले अपना बच्चा खो दिया,इससे पहले एक बच्चे को गलत इंजेक्शन देने के कारण उसकी जान चली गई,लेकिन न तो निकट बैठे प्रसाशन को भनक लगी ओर न ही स्वास्थ्य विभाग की निंद्रा खुली, जिससे साफ हो जाता है की उत्तराखण्ड सरकार की नशामुक्त अभियान ओर केंद्र सरकार की स्वस्थ भारत अभियान पर पानी फेरने का काम स्वयं स्वास्थ्य विभाग ही फेर रहा है,