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हरिद्वार स्वास्थ्य विभाग लगातार झोलाछाप डॉक्टरों कों शरण देता नजर आ रहा है वो भी ज्यादा दूर नही चंद कदमो की दूरी पर, रोशनाबाद, हेत्तमपुर, रावली मेहदूद और बिरहमपुरी ऐसे आस पास के लगभग सभी क्षेत्र आज झोलाछाप डॉक्टरों, अवैध मेडिकलो और क्लिनिकों का गढ़ बन चुके है, और मजे की बात तो ये है की जितने भी ये क्षेत्र है ये सभी स्वास्थ्य विभाग के लगभग तीन किमी के दायरे मे पनप रहे है, रोशनाबाद की अगर बात करें तो इस क्षेत्र मे तो स्वास्थ्य विभाग स्वयं ही साक्षात भोलेनाथ बनकर सभी झोलाछाप व अवैध मेडिकलो पर कृपा दृष्टि बना रहा है, न कोई जाँच न कोई कार्यवाही जिसे जो करना है खुलकर करे,इसी कारण इस क्षेत्र मे इन झोलाछाफ डॉक्टरों के कारण कोई न कोई अप्रिय घटनाये होती रहती है, और सबसे बड़ा दुर्भाग्य की ये घटनाये स्वास्थ्य विभाग के सामने कभी पहुँचती ही नही,
उत्तराखण्ड मुख्यमंत्री के अरमानो पर पानी फेर रहा उन्ही का स्वास्थ्य विभाग,
जिस तरह रोशनाबाद जैसे क्षेत्र मे जहाँ एक नही बल्कि जिले के सभी अधिकारी निवास भी करते है और उनके कार्यालय भी स्थापित है उस क्षेत्र मे झोलाछाफ डॉक्टर, अवैध मेडिकल अवैध क्लिनिक अड्डे जमाये बैठे है तो आप समँझ सकते है की न तो कोई छोटा खेल है और न ही छोटी चैन, अगर उच्च स्तर पर व ईमानदारी से इस क्षेत्र मे चल रही झोलाछाफ डॉक्टर, अवैध मेडिकलों की व क्लिनिकों की जाँच हो जाये तो निश्चित रूप से स्वाथ्य विभाग कों जवाब देना भारी पड़ सकता है, कुल मिलाकर उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री जहाँ एक और राज्य कों अपराध मुक्त व नशामुक्त करने के सपने कों साकार करने के लिये दिन रात एक कर चुके है तो वही उनके अधिकारी स्वास्थ्य विभाग की कुर्सीयाँ तोड उत्तराखण्ड सरकार से ही मोटा वेतन वसूल रहे है,
लेकिन न तो उन अवैध मेडिकलों पर कोई कार्यवाही कर रहे है जहाँ चोरी छिपे नशा बिकता है और न ही उन झोलाछाप डॉक्टरों पर जो क्षेत्र मे बैठे बीमार लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहे है, क्यों नही करता स्वास्थ्य विभाग इन पर कार्यवाही? क्यों सरकार की अपराध मुक्त मुहीम पर पानी फेर रहा है स्वास्थ्य विभाग,ऐसे बहुत से सैकड़ो सवाल है जो अब उठाते रहेंगे,
