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दक्षिण दिल्ली के एक डॉक्टर को आत्महत्या के लिए उकसाने और आपराधिक साजिश रचने के लिए आम आदमी पार्टी के विधायक को अदालत ने दोषी ठहराया है। AAP विधायक प्रकाश जारवाल को आईपीसी की धारा 306 और 120बी के तहत दोषी ठहराया गया है. बता दें कि 2021 में कोर्ट ने आईपीसी की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना), 120-बी (आपराधिक साजिश की सजा) और अन्य आईपीसी प्रावधानों के तहत आरोप तय किए थे.
स्पेशल जज एमके नागपाल ने यह फैसला सुनाया. कोर्ट ने 8 फरवरी को फैसला सुरक्षित रख लिया था. इस मामले में दिल्ली पुलिस की ओर से मनीष रावल, आरोपी प्रकाश जारवाल की ओर से वकील एसपी कौशल, आरोपियों कपिल नागर और हरीश कुमार की ओर से वकील रवि द्राल ने दलीलें रखी थीं. इस मामले में 25 अगस्त 2023 को दोनों पक्षों की ओर से गवाहों के बयान पूरे हो गए थे. 11 नवंबर 2021 को कोर्ट ने इस मामले के आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किया था.
कोर्ट ने हरीश जारवाल को सुसाइड के लिए उकसाने के आरोपों से बरी कर दिया था. कोर्ट ने प्रकाश जारवाल और कपिल नागर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 386, 384, 506 और 120बी के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था. कोर्ट ने आरोपी हरीश जारवाल को धारा 306 और 386 के आरोपों से मुक्त कर दिया. जबकि धारा 506 का आरोप तय करने का आदेश दिया था.