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हरिद्वार / जितनी बड़ी दूकान उससे बड़े मकान और उतने ही मीठे पकवान, ऐसी बहुत सी कहावते है जो ऐसे लोगों पर बिलकुल सटीक बैठती है जो सरकार को लूटने मे जरा भी कसर नही छोड़ते, ये वही भ्रष्ट लुटेरे है जो इलाज के नाम पर एक और बीमार लाचार लोगों की खाल उतार कर सारा खून चूस लेते है, तो दूसरी और सरकार को भी लूट लेते है वास्तव मे इन लोगों मे और साइबर अपराधियों मे एक प्रतिशत का भी अंतर नही, जैसे साइबर अपराधी पलक झपकते ही आपका सारा डाटा और बैंक बेलेंस गायब कर देते है ठीक उसी प्रकार मेडिकल की आड़ मे खुद को डॉक्टर कहने वाले ये लैब संचालक और अधिकतर हॉस्पिटल भी ट्रीटमेन्ट के नाम पर मरीजों के बैंक बेलेंस इलाज और जाँच के नाम पर समाप्त कर देते है,
हरिद्वार से एक ऐसा मामला पुलिस ने उजागर किया है जिससे पूरा उत्तराखण्ड सकते मे आ चूका है इस मामले मे भी हरिद्वार पुलिस ही वादी बनी है, बता दें की कोविड महामारी के दौरान आईसीएमआर के नियमों को ताक पर रखते हुए ज्वालापुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत रानीपुर मोड़ स्थित नोवस पैथ लैब द्वारा 2021 मे हुए कुम्भ के दौरान फर्जी तरीके से एंटीजन व रैपिड कोविड़ टेस्ट करते हुए सरकारी राजस्व को भारी नुकसान पहुंचा कर आर्थिक लाभ कमाया गया था। फर्जी आरटीपीसीआर व एंटीजन टेस्ट करने की बात प्रकाश में आने पर तत्समय मैक्स कॉरपोरेट सर्विस कुंभ मेला व नलवा लैबोरेट्री प्राइवेट लिमिटेड हिसार एवं लालचंदवानी पैथ लैब के विरुद्ध कोतवाली नगर में मुकदमा दर्ज किया गया था, तथा अवैध व अनैतिक रूप से धन कमाने की बात प्रकाश में आने पर प्रवर्तन निदेशालय द्वारा संबंधित लैब में छापा भी मारा गया था, जिसके बाद लैब के विरूद्ध पीएमएलए (prevention of money laundering act ,2002) के तहत जांच प्रारंभ की गई थी।
उक्त संदर्भ में पीएमएलए के तहत की गई जांच के दौरान, यह तथ्य प्रकाश में आये कि नोवस लैब द्वारा कुंम्भ मेला हरिद्वार-2021 के दौरान आरएटी और आरटी-पीसीआर परीक्षण किए जाने में अनियमितता पाई गई जिसके आधार पर इस प्रयोगशाला Novus Path Labs HARIDWAR को रु. लगभग दो करोड़ इकतालिस लाख बीस हजार चार सौ छियासी रूपये (24120486) लैब द्वारा सरकार से गलत भुगतान प्राप्त किया गया है।
जानिये कौन है ये लोग जिन्होंने फ़र्ज़ी जाँच और रिपोर्ट तैयार कर सरकार कों लगाया करोड़ों का चूना,
उक्त प्रयोगशाला के आईसीएमआर डेटा की जांच करने पर यह तथ्य प्रकाश में आये कि उक्त प्रयोगशाला द्वारा किए गए परीक्षणों के सबंध में आईसीएमआर पोर्टल पर की गई अधिकाश प्रविष्टियाँ नकली प्रतीत होती है, जो लैब संचालक और पार्टनर संध्या शर्मा आदि द्वारा किया जाना प्रतीत होता है। उक्त फर्जी टैस्ट रिपोर्ट तथा बिल व अभिलेखो में फर्जी प्रवृष्टियों से सरकार को भारी राजस्व हानि होना तथा उक्त पैथ लैब संचालको द्वारा अपराधिक षडयन्त्र कर धोखाधड़ी कर अनुचित लाभ अर्जित किया जाना है।
जिससे प्रथम दृष्टया सम्बन्धित लैब संचालक व उसके पार्टनर के विरुद्ध कईं संगीन धाराओं मे अपराध का होना पाया जाने पर Novus Path Labs रानीपुर मोड थाना ज्वालापुर हरिद्वार के संचालक व पार्टनर संध्या शर्मा आदि के विरुद्ध SSI राजेश बिष्ट के बयानी आधार पर थाना ज्वालापुर मे संबंधित धाराओं मे मुक़दमा पंजीकृत किया गया और मामले मे आगे की जाँच उपनिरीक्षक विकास रावत के सुपुर्द की गई है,