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जो माता पिता अपनी संतान को दिन रात मेहनत करके बड़ा करते है उनकी हर इच्छा पूरी करने के लिये पसीना बहाते है, अगर वहीँ माता पिता अपनी संतान को कंधा दे दें, तो उन पर दुखो के पहाड़ गिरने लाजमी है, लेकिन वहीँ माता पिता यदि बिना मृत्यु के ही अपनी उसी संतान का अंतिम संस्कार कर दें क्रिया क्रम कर दें जिसे पाल पोषकर बड़ा किया है, तो निश्चित रूप से संतान ने माता पिता को जीते जी कोई ऐसा कष्ट पहुँचाया होगा, जो हर दुःख हर पीड़ा से बड़ा हो,
एसी ही एक घटना राजस्थान के उदयपुर जिले से है। जहां एक पिता ने अपनी जीवित बेटी का अंतिम संस्कार कर दिया। अंतिम संस्कार के दौरान होने वाले तमाम पूजा पाठ किए, अपना मुंडन कराया। उसके बाद मृत्यु भोज भी किया और फिर पूरे गांव को खाने पर भी बुलाया।मामला उदयपुर जिले का है। उदयपुर जिले के सायरा थाना इलाके में स्थित एक गांव का यह पूरा घटनाक्रम है।
गांव के ही लड़के से इश्क करने लगी थी बेटी
गांव में रहने वाले पिता ने बताया कि उसकी बेटी करीब दो महीने पहले लापता हो गई थी। पुलिस थाने में रिपोर्ट दी तो पुलिस ने मिसिंग रिपोर्ट दर्ज कर ली और उसके बाद बेटी की तलाश शुरू कर दी। पता चला कि गांव के ही एक युवक के साथ उसका दो साल से प्रेम प्रशंग था। वह दूसरी जाति का युवक था। उसके साथ ही बेटी भाग गई थी। पुलिस ने उसे दस बारह दिन पहले पकड़ लिया और उसके बाद थाने लाया गया।
बेटी बोली-वो पिता के घर अब कभी नहीं जाएगी
थाने में लड़की के माता पिता को बुलाया गया। लड़की बालिग थी उसने कहा कि वह माता – पिता के साथ जाना नही चाहती, उसने यहां तक कहा कि वह उनको जानती तक नहीं है। पिता को पुलिस ने कहा कि बेटी बालिग है, यह प्रेमी के साथ जाना चाहती है। इसे परेशान मत करना, नहीं तो कानूनी कार्रवाई होगी।
इतने टूट गए माता-पिता की जिंदा रहते कर दिया अंतिम संस्कार
माता पिता इतने टूट गए कि उन्होनें उसी दिन बेटी का अंतिम संस्कार कर दिया। उसकी सभी वस्तुएं अग्नि में जला दीं। उसके बाद मृत्यु भोज के कार्ड छपवाए। कार्ड में बेटी के लव मैरिज का जिक्र किया और 22 मई को मृत्यु भोज रखा। मृत्यु भोज में रिश्तेदार और गांव के लोग शामिल हुए। बेटी को भी फोन कर इसकी जानकारी दी गई। इस अनोखी घटना का पूरे जिले में जिक्र है।