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हरिद्वार / एक ऐसा खेल जिसमे आपका जितना मुश्किल ही नही नामुंकिन होता है, और अगर इस खेल मे कोई जितता भी है तो वो सिर्फ खेल खिलाने वालों के अपने लोग, जो उनके गैंग का हिस्सा होते है, और खेलने वालों कि भीड़ मे खडे होकर इन लाल पीली गोटियों कि बाजी लगाते है, आस पास खडे लोगों को दिखाने और रुझाने के लिये दस के सौ और सौ के हजार रूपये जितना और पैसे लेकर कुछ पल के लिये इधर उधर होकर ईमानदारी का नाटक करना, उन लोगों को भारी पड़ जाता है जो वहाँ खडे होकर तमाशा देखते है जिन्हे ये मालूम नही होता कि खेल जितने वाला व्यक्ति, कोई और नही बल्कि खेल खिलाने वाले गैंग का ही एक शातिर सदस्य होता है, कम से कम आधा दर्जन लोग इसी काम के लिये गैंग का हिस्सा होते है जो खेल जितने का नाटक कर लोगों को सिर्फ ये दिखाते है कि तुम भी गोटियों का ये खेल खेलो और मोटे पैसे जितो,
लेकिन हाथ कि ऐसी सफाई कि गोटियों के इस खेल मे इनके गैंग के सदस्यों के अलावा बाकी सब यहाँ हार कर जाते है, अपनी जेबों मे जितना रुपया लाते है सब गोटियों पर लूटा कर चले जाते है, और अगर गलती से कोई इनकी इस हरकत को पकड़ ले, तो उसके लिये चुपचाप वहाँ से निकल जाना ही बेहतर होगा,
जानिये कितना होता है इस गैंग का एक से तीन घंटो का टारगेट
सूत्रों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार गोटियों का ये अवैध खेल कभी हरिद्वार बस स्टेण्ड पर तो कभी हरिद्वार के आस पास लगाया जाता है, अब इनका रुख सिडकुल कि और भी हो चूका है, मौका लगते ही इनका पूरा गैंग चोरी छिपे सिडकुल मे भी पहुँच रहा है, मिली जानकारी के अनुसार ये लोग मात्र एक से टीम घंटे के इस अवैध खेल मे लोगों को उलझाकर लाखों रूपये कि हेराफेरी करके चलते बनते है, हालाकी ये खेल पूरी तरह गैर कानूनी है,और हाथ कि सफाई पर निर्भर है,
इसलिए जब और जहाँ इस खेल कि गोटियाँ सजती है वहाँ इनकी टीम पूरी सतर्कता के साथ काम करती है,