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झारखंड के धनबाद स्थित भूली में बारातियों के डांस करने से काजी इतना नाराज हुआ कि उसने निकाह पढ़ने से ही इनकार कर दिया। इससे दूल्हा और दुल्हन पक्ष सकते में आ गए। आखिरकार काफी मान-मनोव्वल के बाद काजी माना तो निकाह संपन्न हुआ। दूल्हा और दुल्हन पक्ष ने अपनी गलती मानी और काजी से माफी मांगी तब कहीं जाकर शादी हो पाई। मामला वासेपुर बाइपास रोड स्थित एक मैरिज हॉल का है।
मुस्लिम बहुल इलाके में म्यूजिक-आतिशबाजी बैन,
बता दें कि यहाँ मुस्लिम बहुल क्षेत्र में निकाह के दौरान बैंड, बाजा एवं आतिशबाजी पर बंदिश है। इसके बावजूद यहां एक मैरेज हॉल में चंदनकियारी से आए बारातियों ने बैंड-बाजे पर जमकर डांस किया। आतिशबाजी की गई। दूल्हा पक्ष को उस वक्त जोरदार झटका लगा, जब काजी साहब ने निकाह पढ़ाने से मना कर दिया। बारातियों ने उनसे मिन्नतें कीं, लेकिन वे नहीं माने। इसके बाद तंजीम अहले सुन्नत के उलेमाओं ने दूल्हा-दुलहन पक्ष को निकाह आसान करो मुहिम के बारे में बताया। फिर दोनों पक्षों ने अपनी गलती मानी। उसके बाद निकाह पढ़ाया गया।
8 जनवरी को धनबाद में संगठन ने लिया था फैसला,
धनबाद के काजी मुफ्ती रिजवान अहमद रिजवी ने बताया की 8 जनवरी को धनबाद में तंजीम अहले सुन्नत और धनबाद के 55 संगठनों ने शादी में डीजे, नाच-गाने और आतिशबाजी पर रोक लगा दी गई थी। मुहिम के 23 हफ्ते के दौरान वासेपुर में किसी शादी समारोह में नाच-गाना नहीं हुआ। लेकिन शनिवार को मामला सामने आया, जिससे हम सहमत नहीं थे। लड़का-लड़की पक्ष ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए कहा कि हमें निकाह आसान करो मुहिम की जानकारी नहीं थी, जिस कारण ऐसा हुआ।