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बेलड़ा बवाल कोई राजनितिक षड़यंत्र तो नही? असलहो व सुरक्षा संसाधनों से लेश होते हुए भी घायल व चोटिल पुलिसकर्मियों नें क्यों बरता सयम?

ByManish Kumar Pal

Jun 21, 2023

समाचार पत्रिका व अखबार / न्यूज नेशनल,

हरिद्वार / अभी हाल ही मे हरिद्वार के बेलड़ा गाँव मे एक ऐसी अप्रिय घटना घटी जिसने सभी क्षेत्रवसियों को हिलाकर रख दिया,जहाँ क्षेत्रवासी जनपद मे पुलिस द्वारा किये जा रहे सराहनीय कार्यों की वाहवाही कर रहे है तो वहीं दूसरी और राजनितिक षड़यंत्रो के हाथों मोहरे बन उसी पुलिस पर लाठी डंडो से हमला कर रहे है इतना ही नही बेलड़ा गाँव मे ठीक उसी प्रकार हरिद्वार पुलिस पर पथराव किया गया जैसे कश्मीर मे सैनिको के ऊपर होता है,और ये सारा का सारा घटनाक्रम किसी बड़े राजनितिक षड़यंत्र के होने का संदेह भी बढ़ा रहा था जो बाद मे स्पस्ट होता नजर आया ,या यूँ कहें की बेलड़ा गाँव की आपसी राजनीति का शिकार पुलिस हुई,

बता दें की अभी हाल ही मे बेलड़ा गाँव मे रविवार की रात गाँव के पास ही पंकज नामक युवक की अकाल मौत हो गई थीं,जिसका शव गाँव की सड़क के पास ही पड़ा मिला,परिवार के लोग इसे हत्या करार दे रहे थे,लेकिन पुलिस किसी भी परिणाम व अंजाम तक पहुँचने से पहले जांच मे जुटी थीं,जबकि बाद मे पोस्टमार्टम की रिपोर्ट मे स्पस्ट भी हो चुका था की यह ह्त्या नही बल्कि दुर्घटना है व्यक्ति की मौत किसी भारी वाहन से टकराकर लगने से हुई थीं ,

आक्रोशित ग्रामीणों नें पुलिस से की थीं हाथापाई,

ग्रामीणों नें इस घटना को लेकर अगले दिन कोतवाली मे धरना शुरू कर दिया था और राजनितिक षड़यंन्त्रों के चलते शव को कोतवाली लाकर प्रदर्शन करने का प्रयास किया जा रहा था,जिसे रोकने को लेकर ग्रामीणों और पुलिस के बीच नोकझोंक व हाथापाई होने लगी,हालाकी उस समय पुलिस द्वारा ग्रामीणों को समझा बुझाकर गाँव वापस भेज दिया गया,लेकिन वहाँ जाकर भी कुछ ग्रामीणों द्वारा दो घरो मे तोड़फोड़ कर दी गई,

सूचना मिलते ही रोकने गई पुलिस पर बोल दिया गया हमला,

घटना की जानकारी मिलते ही गाँव मे पहुंची पुलिस ज़ब इन सबको रोकने का प्रयास करने लगी तो कुछ दंगइयों द्वारा पुलिस पर हमला बोल दिया गया,सूत्रों की अगर माने तो कुछ ग्रामीणों नें वहाँ पहुंची पुलिस पर लाठी डंडो व पत्थरों से हमला बोल दिया,मानो ग्रामीण पहले से इस घटना को अंजाम देने के लिए तैयार हो चुके थे, दुर्भाग्य की इस पुरे बवाल मे आधा दर्जन पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हुए,

जानकारी मिलते ही बड़े पुलिस अधिकारी भी दौड़े घटना स्थल की ओर

जैसे ही मामले की जानकारी एसएसपी हरिद्वार को मिली तो उन्होंने भी गाँव की और दौड़ लगा दी बता दें की उनके पहुँचनें तक गाँव मे पथराव जारी था,लेकिन ग्रामीणों की सुरक्षा को लेकर कप्तान का निर्देश स्पस्ट था की बवाल को शान्तिपुर्वक तरीके से काबू किया जाए,किसी निर्दोष ग्रामीण को क्षति न पहुंचे,
जबकि इस पुरे घटनाक्रम मे एक कोतवाल के दोनों हाथों मे फ्रेक्चर आ चूका था और दूसरे का सिर फटने के कारण सिर से लगातार खून बह रहा था,इतना ही नही कई अन्य सिपाही भी गंभीर रूप से घायल बताये जा रहे है,

लेकिन हैरानी की बात ये है की बावजूद इसके मित्र पुलिस सयम पर सयम बरतती नजर आई,और पुलिसकर्मी लगातार ग्रामीणों से शांति रखने की अपील करते रहे,अगर यहाँ आत्मरक्षा के चलते पुलिस कर्मियों द्वारा बवाल कर रहे उन ग्रामीणों पर लाठी चार्ज कर दिया जाता तो राजनितिक षड़यंत्र कर्ताओं को और भी अवसर मिल सकते थे,और जिले की व्यवस्था और हालात बिगड सकते थे,

घायल होने के बावजूद एसएसपी हरिद्वार अजय सिंह की सूझबूझ से सम्भली स्तिथि,

इस पुरे घटना क्रम मे स्वयं एसएसपी अजय सिंह भी घायल नजर आ रहे थे इतना होने के बाद भी उनके द्वारा लोगों को समझाने का प्रयास किया जा रहा था, और बड़ी बात ये है की स्वयं घायल होने के बावजूद एसएसपी अजय सिंह द्वारा जिम्मेदारी का कर्तव्य निभाते हुए सभी घायल पुलिसकर्मियों को हॉस्पिटल पहुँचवाया गया,स्वयं उनका हालचाल लिया गया,उसके बाद दर्द व पीड़ा बढ़ने के कारण स्वयं का भी एक्सरे करवाया गया , बता दें की एसएसपी अजय सिंह घायल होने के बाद भी एक आदर्श टीम लीडर की तरह अगले मोर्चे पर डटे नजर आये,

बेलड़ा गाँव के इस बवाल का क्या रहा मुख्य कारण ये भी समँझ लिजिये

अब आप सोच रहे होंगे की आखिर मामला इतना क्यों बढ़ा और पुलिस की मुश्किलें इतनी क्यों बढ़ी तो यह पूरा का पूरा मामला एक घटना ही नही बल्कि एक बहुत बड़ा षड़यंत्र भी था ,सूत्रों से मिली जानकारी के अनुशार एक ग्रामीण जोकि जिला पंचायत सदस्य का चुनाव हार चुका था हार के कारण बौखलाया नेता लोगों को भिड़ाने के लिए हमेशा अवसर की तलाश मे रहता है,इस पुरे घटनाक्रम मे उसे ग्रामीणों को आपस मे भिड़ाने का अवसर मिल गया और उसके द्वारा ही इस घटना को अंजाम दिलाया गया,

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