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मामला उत्तरप्रदेश के मेरठ का है जहाँ 70 हजार की रिश्वत लेते एक अधिकारी रंगे हाथ गिरफ्तार की गई है,
बता दें कि ये जिला पंचायत राज अधिकारी किरण चौधरी है जिसे विजिलेंस की टीम ने गिरफ्तार कर मेरठ के भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम कोर्ट में पेश किया है
जिसके बाद उन्हें न्यायालय अपर जिला जज भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में लेकर जेल भेज दिया।
फरह विकास खंड की ग्राम पंचायत झुड़ावई में वर्ष 2022-2023 में अस्थाई गोशाला के लिए टिनशेड का निर्माण किया गया था। यह कार्य मेसर्स हरेकृष्णा कंस्ट्रक्शन से निविदा प्रक्रिया के तहत कराया गया और फर्म को करीब 24 लाख रुपये का भुगतान किया गया। टिनशेड निर्माण में कमियां होने पर बीते वर्ष 10 जून को तत्कालीन जिलाधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह ने ग्राम प्रधान प्रताप सिंह राना को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया।
ग्राम प्रधान का आरोप है कि मामले से संबंधित अभिलेख डीपीआरओ ने मांगे तो उन्हें उपलब्ध करा दिए गए थे। ग्राम प्रधान के पक्ष में रिपोर्ट लगाने के लिए डीपीआरओ अपने चालक बिजेंद्र सिंह के माध्यम से लगभग 70 हजार रुपये की मांग कर रही थीं। उनका आरोप है कि पूर्व में भी उन्हें डरा कर रुपया लिया जा चुका है।
बुधवार सुबह साढ़े दस बजे विजिलेंस की अपर पुलिस अधीक्षक बबिता सिंह की अगुवाई में करीब 14 लोगों की टीम ने डीपीआरओ को 70 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। सतर्कता अधिष्ठान थाना आगरा में दोनों के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कराई गई। बुधवार को उन्हें मेरठ की भ्रष्टाचार कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया,
मेरठ के सरकारी तंत्र के भ्रष्टाचार की जड़ें गहरी होने के साथ ग्राफ भी तेजी से बढ़ा है। एक वर्ष में एंटी करप्शन विभाग की टीम ने राजस्व, पुलिस और बिजली महकमें में कार्रवाई करते हुए एक दर्जन से अधिक रिश्वतखोरों को दबोचा है। विपक्ष भी इस मुद्दे को हवा दे चुका है, लेकिन सरकारी तंत्र में सुधार होने की गुंजाईश नहीं दिखाई दे रही है। पिछले कुछ दिनों में जनपद के साथ मवाना में दो लेखपाल, एक एसडीएम पेशकार और एक दारोगा और बिजली विभाग के जेई रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े गए हैं। वहीं, लेखपाल के साथ पकड़े गए एक निजी व्यक्ति से बल मिला की राजस्व विभाग में ठेका प्रथा भी चल रही है।