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हरिद्वार (रोशनाबाद), 2 अगस्त 2025:
हरिद्वार की रोशनाबाद पंचायत इन दिनों गंभीर उपेक्षा का शिकार हो रही है। जहां एक ओर सरकार ग्रामीण विकास के बड़े-बड़े दावे कर रही है, वहीं जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल उलट नज़र आ रही है। रोशनाबाद पंचायत में न तो कोई ठोस विकास कार्य दिखाई दे रहे हैं, न ही कोई योजनाएं अमल में लाई जा रही हैं। स्वच्छता की हालत यह है कि जगह-जगह गंदगी के ढेर लगे हुए हैं और नालियों की सफाई ग्रामीणों को स्वयं करनी पडती है, समस्त गाँव की सड़के जितनी बदहाल है उससे अधिक दयनीय स्तिथि नालियों ओर निकासी की है जहाँ देखो रास्ते जर्जर ओर आसपास सिर्फ गंदगी ही गंदगी नजर आ रही है,
जानिये क्या कहते है रोशनाबाद ग्रामवासी,
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि पंचायत में वर्षों से कोई भी संतुष्ठीपूर्ण कार्य नहीं हुआ है। गलियों की हालत बदतर है, सार्वजनिक शौचालय धरातल पर है ही नही नालियों ओर गंदे पानी की निकासी जर्जर हो चुकी है। वहीं दूसरी ओर, हर साल लाखों रुपये विकास योजनाओं के नाम पर पंचायत को आवंटित होते हैं, लेकिन वे कहाँ खर्च हो रहे हैं, इसका कोई हिसाब-किताब कहीं सार्वजनिक नहीं है,
ग्रामीणों का आरोप — जिम्मेदार अधिकारी और जनप्रतिनिधि मौन
ग्रामीणों ने बताया कि जब वे संबंधित अधिकारियों या ग्राम प्रधान से सवाल करते हैं तो उन्हें टालने की कोशिश की जाती है। कोई भी ठोस जवाब नहीं मिलता। योजनाएं सिर्फ कागजों तक सीमित रह गई हैं। युवाओं का कहना है कि ना तो यहाँ ग्राम पंचायत की ओर से कोई विकास कार्य ही है ओर ना ही आने वाली विकास योजनाओं की कोई जानकारी,जिस कारण पंचायत के साथ साथ संबंधित अधिकारियों पर भी अब सवाल खडे होने लगे है,
इस पूरे मामले पर क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ताओं ने डीएम हरिद्वार और पंचायत राज विभाग से मांग की है कि एक स्वतंत्र जांच टीम गठित कर इस बात की जांच कराई जाए कि आखिर पंचायत को मिले फंड का इस्तेमाल कहाँ और कैसे हो रहा है । यदि अनियमितता पाई जाती है तो दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।
क्योंकि यदि स्तिथि यही रहती है तो रोशनाबाद पंचायत की स्थिति आने वाले समय में बहुत ज्यादा बिगड सकती है,इससे ना सिर्फ लोगों का भरोसा टूटेगा, बल्कि शासन की योजनाओं की विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़े होंगे। ज़रूरत है पारदर्शिता, जवाबदेही और कड़े प्रशासनिक कदमों की, ताकि रोशनाबाद को भी वह विकास मिल सके जिसका वह वर्षों से इंतज़ार कर रहा है।