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कर्नाटक के चामराजनगर जिले के गुंदलुपेट में एक आश्चर्यजनक घटनाक्रम सामने आया है, जहां एक प्रसिद्ध मठ के नवनियुक्त मठाधीश की असली पहचान सामने आने के बाद धार्मिक हलकों में हलचल मच गई है।
करीब डेढ़ महीने पहले चौदाहल्ली के गुरुमल्लेश्वर दासोहा मठ की बागडोर संभालने वाले निजलिंगा स्वामी असल में मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक रखते थे। मठाधीश के रूप में नियुक्त इस व्यक्ति का असली नाम मोहम्मद निसार (22) है, जो कर्नाटक के यादगीर जिले के शाहपुर का निवासी है। बताया गया कि उन्होंने लिंगायत धर्म अपनाकर लिंग दीक्षा ली थी और मठ की सेवा में समर्पित हो गए थे।
पहचान उजागर होते ही विरोध भड़का
रविवार को जब यह जानकारी सामने आई कि मठाधीश की पृष्ठभूमि मुस्लिम रही है, तो भक्तों में असंतोष की लहर दौड़ गई। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने मठ प्रशासन से नाराज़गी जाहिर करते हुए आरोप लगाया कि नवनियुक्त संत ने अपनी असली धार्मिक पहचान छिपाई।
भक्तों के विरोध और विवाद बढ़ने के बाद निजलिंगा स्वामी ने स्वयं मठ का पद छोड़ने का निर्णय लिया और अपना सारा सामान लेकर परिसर छोड़ दिया। उन्होंने औपचारिक रूप से भी मठ से इस्तीफा दे दिया है।