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2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में लंबे समय तक कानूनी लड़ाई लड़ने के बाद बरी हुए लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित को सेना ने कर्नल पद पर पदोन्नत किया है। करीब नौ साल जेल में बिताने वाले पुरोहित के लिए यह पदोन्नति उनके सैन्य करियर की बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
गिरिराज सिंह ने दी बधाई……
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उन्हें बधाई दी और लिखा – “कर्नल पुरोहित को वर्दी में वापसी पर बधाई। सरकार उन देशभक्तों के साथ दृढ़ता से खड़ी है, जो साहस और निष्ठा के साथ देश की सेवा करते हैं।”
अदालत ने कहा – ‘सिर्फ शक से दोष सिद्ध नहीं’……
विशेष एनआईए अदालत ने 31 जुलाई 2025 को पुरोहित समेत सातों आरोपियों को बरी कर दिया था। कोर्ट ने साफ कहा कि अभियोजन पक्ष पर्याप्त और ठोस सबूत पेश करने में नाकाम रहा। महज संदेह को सबूत नहीं माना जा सकता। अदालत ने यह भी पाया कि पुरोहित पर RDX रखने का आरोप साबित नहीं हो पाया।
पुरोहित का पक्ष…….
बरी होने के बाद कर्नल पुरोहित ने कहा था – “मुझ पर गंभीर आरोप लगे लेकिन अदालत में मैं निर्दोष साबित हुआ। अब अतीत को पीछे छोड़कर आगे बढ़ने का समय है। मैं भारतीय सेना और अपनी कानूनी टीम का आभारी हूं, जिन्होंने मुझे न्याय दिलाने में साथ दिया।”
मालेगांव ब्लास्ट क्या था?…..
29 सितंबर 2008 को महाराष्ट्र के मालेगांव में एक मस्जिद के पास खड़ी मोटरसाइकिल में बम धमाका हुआ था। इस हादसे में छह लोगों की मौत हो गई थी और 100 से अधिक लोग घायल हुए थे। इस केस में पहली बार किसी सेवारत आर्मी अफसर – ले. कर्नल पुरोहित – की गिरफ्तारी हुई थी, जो उस समय बड़ी सुर्खियों में रहा।
सैन्य करियर पर असर……
सूत्रों के अनुसार, यदि उनकी सेवा बीच में बाधित न हुई होती तो वे अब तक मेजर जनरल पद तक पहुंच सकते थे। मार्च 2026 में रिटायर होने से पहले यह पदोन्नति उनके लिए अंतिम बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।