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WHO के मुताबिक, शरीर को रोजाना पांच ग्राम नमक की जरूरत होती है. इस रिपोर्ट के मुताबिक, ज्यादातर भारतीय रोजाना जरूरत से 3 ग्राम ज्यादा नमक खा रहे हैं. तीन हजार वयस्कों पर सैंपल सर्वे किया गया, जिसमें पता चला कि बेरोजगार लोगों के मुकाबले नौकरीपेशा 8.6 ग्राम, तंबाकू खाने वाले 8.3, मोटापे से ग्रस्त लोग 9.2 ग्राम, ब्लड प्रेशर वाले 8.5 ग्राम नमक ज्यादा ले रहे थे. नमक में सोडियम की मात्रा ज्यादा होती है, जो हाइपरटेंशन और हाई ब्लड प्रेशर का कारण बनती है. इससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है.
खाने की मेज पर न रखें नमक
आईसीएमआर के पूर्व निदेशक डॉक्टर एनके गांगुली का कहना है कि पूरी दुनिया में इस बात को लेकर सारी कवायद हो रही है कि किस तरह से लोग कम नमक खाएं क्योंकि पहले भी आईसीएमआर के कई अध्ययन में ये बात सामने आ चुकी है कि नमक ज्यादा खाने वालों में हाइपर टेंशन पाया गया. इसलिए नमक कम खाने की सलाह दी जाती है और इसके लिए बकायदा मानक भी तय किए गए हैं, कितना नमक खाना चाहिए. इसलिए कहते हैं कि डाइनिंग टेबल पर तो नमक बिल्कुल नहीं रखना चाहिए.
एक्सपर्ट से जानें फिर कौन सा नमक है अच्छा?
एम्स में कम्युनिटी मेडिसिन के हेड रहे और आयोडीन मैन के नाम से चर्चित डॉक्टर चंद्रकांत एस पांडव का कहना है कि ये सर्वे बहुत कम लोगों पर किया गया है. ये और ज्यादा लोगों पर होना चाहिए था. ज्यादा नमक खाने के नुकसान को लेकर लोगों में धीरे धीरे जागरूकता आ रही है. सरकार भी इस तरफ काफी प्रयास कर रही है. इससे पहले 2014-15 में जब सर्वे किया गया था, तब पता चला था कि व्यक्ति औसतन 11.9 ग्राम नमक रोजाना खा रहा है, उसके मुकाबले देखें तो कुछ कम हुआ है. धीरे धीरे लोग सुधर रहे हैं. रिफाइन सफेद नमक खाना सबसे अच्छा होता है. कुछ लोग सेंधा नमक खाते हैं, वो भी ठीक है. पैरों में खिंचाव से जो दर्द होता है, वो सेंधा नमक से ठीक हो जाता है.