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रोशनाबाद जहाँ आये दिन कोई न कोई ऐसा मेडिकल रोज खुल रहा है जिनके पास किसी तरह की कोई परमिशन नही न तो इन मेडिकल संचालको के पास कोई डिग्री है ओर न कोई फ़ार्मेसिस्ट, जहाँ देखो मेडिकलों पर ऐसे संचालक बैठे है जिनका योग्य होना तो बहुत दूर की बात है अगर ये मेडिकल की स्पेलिंग भी लिख दे तो गनीमत है,ये वहीँ मेडिकल स्टोर है जो निकट बैठे स्वास्थ्य विभाग की पोल ही नही खोल रहे बल्कि उत्तराखण्ड सरकार के ड्रग्स फ्री मिशन को भी ठेंगा दिखा रहे है उत्तराखण्ड सरकार के इस मिशन को फैल करने मे ये अवैध मेडिकल ही अकेले जिम्मेदार नही है बल्कि वो स्वास्थ्य विभाग भी जिम्मेदार है जो यहाँ से चंद कदमो की दूरी पर तमाशबीन बना बैठा है,अगर ये कहा जाये की इन अवैध मेडिकल स्टोरों को स्वास्थ्य विभाग का संरक्षण प्राप्त है तो इसमें कोई संदेह नही,
रोशनाबाद मे जगह जगह खुले अवैध मेडिकलों पर धड़ल्ले से बिकती है नशीली व प्रतिबंधित दवाएँ,
बता देन की हर दस कदम की दूरी पर यहाँ मेडिकल व क्लिनिक खुले है जो पूर्ण रूप से अवैध तो है ही साथ ही इन पर वे सभी दवाएँ भी उपलब्ध हो जाती है जो भारत सरकार नें पूर्ण रूप से प्रतिबंधित कर दी है,यानि वो दवाएं जो अवैध ड्रग्स मानी जाती है,इस क्षेत्र से खरीदी जा सकती है,हालाकी ये दवाएँ आपको मेडिकल पर सीधे सीधे तो नही मिलेंगी,या तो आपको किसी परिचित के रेफ़्रेन्स से जाना होगा या फिर आप इनके नियमित ग्राहक होने चाहिए,तभी आपको यहाँ से नशीली दवाएँ मिल पाएंगी,आपको कुछ देर यानि पांच मिनट मेडिकल के बाहर खडे होकर इन्तजार करना होगा,मेडिकल के आस पास से कोई आएगा ओर आपके हाथ मे दवाएँ रखकर निकल जाएगा,पैसे आपको मेडिकल संचालक को ही देने होंगे वह भी पहले,
अब आप समँझ सकते है की इन मेडिकल स्टोरों पर नशीली दवाओं की बिक्री का खतरनाक व्यापार भी बड़े शातिराना तरीके से किया जा रहा है ओर स्वाथ्य विभाग इन काले व्यापारियों के प्रति इतना मेहरबान दयावान् है की इन पर कार्यवाही करना तो दूर इनकी ओर दो कदम चलने को भी तैयार नही,
सरकार को उठाने होंगे ठोस कदम
अगर उत्तराखण्ड सरकार राज्य को 2025 तक नशामुक्त करने के सपने को पूरा करना चाहती है तो सबसे पहलें हर जिले के स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ ही मोर्चा खोलना पड़ेगा,क्योंकि जिन मेडिकल स्टोरों ओर क्लिनिकों पर नशीली दवाएँ बिक रही है उन्हें सबसे बड़ा संरक्षण स्वास्थ्य विभाग का ही होता है,अगर स्वास्थ्य विभाग ईमानदारी से इन लोगों के ऊपर बड़ी कार्यवाही करता है तो निश्चित रूप से न तो इन मेडिकल संचालकों को हौसला मीलेगा ओर न ही क्षेत्र मे ये नशे की बिक्री कर सकेंगे,