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किसी भी विभाग की गुप्त योजनाये अगर असफल होती है तो उसमे ऐसे विभीषणो की मुख्य भूमिका जरूर होती है जिन्हे कभी तनख्वा को हाथ लागने की जरूरत नही पडती,उनके खर्चे वहीँ से आते है जहाँ अवैध कार्य चलते है ये वही लोग होते है जो तनख्वा तो सरकार से लेते है लेकिन काम माफियाओं का करते है
उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले से ऐसा ही एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां जिलाधिकारी के ड्राइवर के खिलाफ मुखबीरी के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है.
क्या है पूरा मामला?
जिला मजिस्ट्रेट के वाहन चालक सरनाम सिंह पर आरोप है कि वह खनन माफिया को इस बात की जानकारी देता था कि अवैध खनन की कब किस समय जांच होने वाली है ओर इस समय अधिकारी की क्या लोकेशन है,
अब जान लिजिये कैसे पकड़ा गया मुखबीर?
लालपुरा थाना प्रभारी संगीता यादव ने बताया कि तीन नवंबर को अवैध खनन की जांच के लिए निकले खान अधिकारी की गाड़ी का दो मुखबिर पीछा कर रहे थे और जब अधिकारी को इसकी भनक लगी तो उन्होंने थाने में इसकी सूचना देकर पीछा कर रहे वाहन को रुकवाया जिसमें सरनाम भी बैठा था.
थाना प्रभारी संगीता यादव बताया कि जिला मजिस्ट्रेट के आदेश पर कलेक्ट्रेट कर्मचारी (वाहन चालक) सरनाम सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया. दूसरा मुखबिर टिकरौली ग्राम प्रधान का पति अक्षय है.
यादव ने बताया कि इन दोनों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की प्रासंगिक धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है और मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है.