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वेल्डिंग का काम करने वाले भारतीय खाता धारक के बैंक खाते में पाकिस्तान से 70 लाख रुपये आने पर हड़कंप, UP ATS ने खाताधारक को उठाया,

ByManish Kumar Pal

Nov 14, 2023

News National

उत्तर प्रदेश में यहाँ आतंकियों को पाकिस्तान से फंडिंग का एक मामला सामने आया है। यूपी एटीएस ने इस मामले में गाजियाबाद जिले के फरीदनगर कस्बे में छापेमारी कर एक युवक को उठाया है । उसके बैंक खाते में 70 लाख रुपये की फंडिंग हुई है , जबकि खाता बिहार के चंपारण जिले से अपडेट हो रहा था।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, एटीएस के अधिकारियों ने रियाजुद्दीन नाम के युवक से कई घंटे पूछताछ की। फरीदनगर स्थित उसके बैंक खाते में 30 दिन में 70 लाख रुपये पाक से आए थे। बैंक खाता रियाजुद्दीन के नाम है, जबकि उसमें मोबाइल नंबर बिहार के चंपारण के इजहारुहल हुसैन का था।

सूत्रों के अनुसार, बैंक खाता इस्तेमाल करने के लिए रियाजुद्दीन को दस हजार रुपये प्रतिमाह मिल रहे थे। एटीएस अब यह पता लगा रही है कि रियाजुद्दीन के और कितने बैंक खाते हैं। वह पिलखुवा में वेल्डिंग का काम करता है। स्थानीय पुलिस को इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। रविवार को वह फरीदनगर आया हुआ था। एटीएम की छापेमारी के बाद खुफिया विभाग भी हकरत में आ गया है।

एटीएस ने आईएसआईएस के अलीगढ़ मॉड्यूल से जुड़े चार लोगों को दबोचा

गौरतलब है कि यूपी एटीएस ने अभी हाल ही में बीते शनिवार को कथित तौर पर आईएसआईएस के अलीगढ़ मॉड्यूल से जुड़े चार लोगों को गिरफ्तार किया। यूपी एटीएस ने रविवार को एक बयान में कहा कि आरोपियों की पहचान रकीब इमाम अंसारी (29) जो अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से बीटेक और एमटेक स्नातक है। नावेद सिद्दीकी (23), जो अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से बीएससी कर रहा था; मोहम्मद नोमान (27), विश्वविद्यालय से बीए (ऑनर्स); और मोहम्मद नाजिम (23), जो संभल से ग्रेजुएट है के रूप में हुई है। एटीएस के अनुसार, आरोपियों के पास से आईएसआईएस साहित्य, मोबाइल फोन और पेन ड्राइव जब्त किए गए।

आरोपी कथित तौर पर प्रतिबंधित आतंकी संगठन आईएसआईएस से जुड़े हुए थे और “हिंसक आतंकी जिहाद” के माध्यम से निर्वाचित सरकार को उखाड़ फेंकने और ‘शरिया’ की स्थापना करने के लिए काम कर रहे थे। आरोपी इस उद्देश्य के लिए समान विचारधारा वाले लोगों के बीच आईएसआईएस से संबंधित साहित्य वितरित कर रहे थे और उन्हें अपने आतंकी ग्रुप के साथ जोड़ रहे थे। इसमें कहा गया है कि वे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से लोगों को मानसिक और शारीरिक रूप से “आतंकवादी जिहाद” के लिए तैयार कर रहे थे और राज्य और देश में एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देने की योजना बना रहे थे।

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