News National
कार्तिक पूर्णिमा का शैव और वैष्णव दोनों ही सम्प्रदायों में बराबर महत्व है. इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध किया था और विष्णु जी ने मत्स्य अवतार भी लिया था. इसी दिन गुरुनानक देव का जन्म भी हुआ था, इसलिए सिख समुदाय के लोग भी इसे प्रकाश पर्व या गुरु पर्व के रूप में मनाते हैं.
कार्तिक पूर्णिमा का महत्व
इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने और दीपदान करने का विशेष महत्व है.पूर्णिमा पूर्णत्व की तिथि मानी जाती है. इस दिन स्नान, दान और ध्यान विशेष फलदायी होता है. इस तिथि के स्वामी स्वयं चन्द्रदेव हैं. इस तिथि को सूर्य और चन्द्रमा समसप्तक होते हैं. इस तिथि पर जल और वातावरण में विशेष ऊर्जा आ जाती है. इसलिए नदियों और सरोवरों में स्नान किया जाता है. कार्तिक की पूर्णिमा के स्नान से नौ ग्रहों की कृपा आसानी से मिल सकती है.
कार्तिक पूर्णिमा पर शुभ योग
इस बार की कार्तिक पूर्णिमा बेहद खास मानी जा रही है, क्योंकि इस दिन शिव योग, सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण होने जा रहा है.शिव योग- 27 नवंबर को रात 01.37 बजे से रात 11.39 बजे तक
सर्वार्थ सिद्धि योग- दोपहर 01.35 बजे से 28 नवंबर को सुबह 06.54 बजे तक