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छापों में भारत की सबसे बड़ी नकदी बरामदगी की संभावना जोर पकड़ने लगी है, कल से तीन राज्यों में छापों के दौरान अब तक कम से कम 290 करोड़ की नकदी बरामद की गई है। सूत्रों ने कहा कि राशि बढ़ेगी क्योंकि अभी और नकदी की गिनती की जानी बाकी है और अधिकारियों को और भी स्थानों के बारे में खुफिया जानकारी मिली है जहां नकदी छिपाई गई है।
कर विभाग ने राज्य, झारखंड और पश्चिम बंगाल में ओडिशा स्थित डिस्टिलरी के कार्यालयों पर छापा मारा। कर विभाग के सूत्रों ने कहा कि तीनों स्थानों के सात कमरों और नौ लॉकरों की जांच की जानी बाकी है। नकदी अलमारियों और अन्य फर्नीचर के अंदर भरी हुई पाई गई। उन्होंने कहा कि उन्हें अन्य स्थानों के बारे में जानकारी मिली है जहां अधिक नकदी और आभूषण मिल सकते हैं।
जानिये कौन हैं धीरज प्रसाद साहू? ओर किस राजनैतिक पार्टी के है नेता,
राज्य सभा की वेबसाइट के अनुसार 23 नवंबर 1955 को रांची में जन्मे धीरज प्रसाद साहू के पिता का नाम राय साहब बलदेव साहू है और मां का नाम सुशीला देवी है.
वो तीन बार राज्यसभा सांसद रहे हैं.
वो 2009 में राज्य सभा सांसद बने थे. जुलाई 2010 में वो एक बार फिर झारखंड से राज्य सभा के लिए चुने गए. तीसरी बार वो मई 2018 में राज्य सभा के लिए चुने गए.
धीरज प्रसाद की अपनी वेबसाइट के अनुसार वो एक व्यापारी परिवार से ताल्लुक रखते हैं.उनके पिता राय साहब बलदेव साहू अविभाजित बिहार के छोटानागपुर से थे और उन्होंने स्वतंत्रता की लड़ाई में हिस्सा लिया था.देश के आज़ाद होने के वक्त से ही उनका परिवार कांग्रेस के साथ जुड़ा रहा है.उन्होंने खुद 1977 में राजनीति में कदम रखा. वो लोहरदगा जिला यूथ कांग्रेस में शामिल रहे.उनके भाई शिव प्रसाद साहू रांची से दो बार कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा सांसद रहे.
उन्होंने रांची के मारवाड़ी कॉलेज से बीए तक की पढ़ाई की है और झारखंड के लोहरदगा में रहते हैं.2018 में राज्य सभा के लिए चुने जाने की प्रक्रिया में धीरज साहू ने जो हलफ़नामा दायर किया था.इसमें उन्होंने अपनी संपत्ति 34.83 करोड़ बताई थी. उन्होंने 2.04 करोड़ चल संपत्ति होने का दावा भी किया था.हलफ़नामे के अनुसार उनके ख़िलाफ़ कोई आपराधिक मामला नहीं था. इसी के अनुसार उनके पास एक रेंज रोवर, एक फॉर्च्यूनर, एक बीएमडब्ल्यू और एक पाजेरो कार है.