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हरिद्वार / एक ओर गाँव गाँव शहर शहर ड्रग्स फ्री देवभूमि मिशन कों साकार करने के लिये उत्तराखण्ड पुलिस दिन रात मेहनत कर लोगों कों जागरूक कर रही है तो वही दूसरी ओर प्रसाशनिक भवन के नजदीम रोशनबादवमे ही सेकड़ो की तादात मे अवैध मेडिकल व क्लिनिक इस मुहीम कों ठेंगा दिखा रहे है, कहीं मेडिकलों पर प्रतिबंधित दवायें बेचीं जा रही है तो ऐसे मेडिकलों की भी कमी नही तो मरीजों के हाथों मे एक्सपायरी डेट का सामान बेचकर उनकी जान से खिलाड़ी कर रहे है, यहाँ उन मेडिकलों की कमी नही जो मेडिकल की आड़ मे नशे का कारोबार कर रहे है,
लेकिन हैरान करने वाली व बड़े दुर्भाग्य की बात है की ज़ब भी इन मडिकलों की जाँच होती है तो इन्हे स्वास्थ्य विभाग द्वारा इनके विरुद्ध बनाई जाने वाली योजना पहले ही मालूम हो जाती है जिस कारण किसी भी कार्यवाही से पहले ही यें मेडिकल संचालक व झोलाछाफ डॉक्टर बच निकलने मे सफल हो जाते है,
वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री उत्तराखंड के ड्रग्स फ्री देवभूमि मिशन 2025″, “नशा मुक्त शहर-नशा मुक्त गांव” व “जिंदगी को हां, नशे को न” अभियान एंव आप्रेशन नई किरण को सफल बनाने हेतु ग्रामीण क्षेत्रों में आयोजित चौपाल कार्यक्रम में नशे की रोकथाम के सम्बन्ध में ग्रामीणो के साथ नशा मुक्त शहर नशा मुक्त गांव के सम्बन्ध में चर्चा की गई।
ग्रामीणों को चेताया कि नशे के कारोबार को किसी भी प्रकार से बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यदि कोई व्यक्ति नशे के कारोबारी की मदद करता हुआ पाया गया तो उसके विरुद्ध भी उसी प्रकार से कार्रवाई की जाएगी जैसा कि नशे के कारोबारी के विरूद्ध की जाती है।
ग्रामीणो को आपरेशन नई किरण के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए उनसे नशे से पीड़ित व्यक्तियों की काउंसलिंग एवं उन्हें समाज की मुख्य धारा से जोडने के सकारात्मक सहयोग करने का आग्रह करते हुए नशे के विरुद्ध सभी को शपथ दिलाई गई।
इसके अतिरिक्त उत्तराखण्ड पुलिस मोबाइल एप, गौराशक्ति एवं साइबर क्राइम के सम्बन्ध में भी विस्तृत जानकारी दी गयी।