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उत्तराखंड / हल्द्वानी की सड़कों पर गुरुवार शाम उपद्रवियों ने जमकर हंगामा किया है. पुलिसकर्मियों पर हमला, पत्थरबाजी और पेट्रोल बम से हमले के चलते 2 लोगों की मौत भी हो गई है और 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए.
हल्द्वानी में माहौल को काबू करने के लिए डीएम वंदना सिंह के एक्शन की चर्चा हर तरफ हो रही है.दरअसल, अवैध मदरसे को बुलडोजर से हटाया जा रहा था. इस दौरान भीड़ उग्र हो गई और थाने को आग लगाने की कोशिश की गई. हालात ऐसे बिगड़े कि उपद्रव मचाने वालों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए गए हैं. दंगाइयों पर एक्शन लेने वाली डीएम वंदना सिंह की पहचान सख्त ऑफिसर के तौर पर है.
आईएएस बनने के बाद वंदना को अल्मोड़ा जिले में DM के पद पर पोस्टिंग मिली है. इसके बाद वो नैनीताल जिले में डीएम बन गई हैं. नैनीताल जिले के अंतर्गत आने वाले हल्द्वानी शहर में भड़के दंगे के तुरंत बाद डीएम वंदना ने उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए हैं. उन्होंने बताया कि उपद्रवियों द्वारा थाने में मौजूद अफसरों को जिंदा जलाने की कोशिश की गई थी.
कौन हैं वंदना सिंह चौहान?
वंदना सिंह चौहान उत्तराखंड कैडर की 2012 बैच की आईएएस अधिकारी हैं। वह हरियाणा के नसरुल्लागढ़ गांव की रहने वाली हैं। हरियाणा में लड़कियों की शिक्षा को लेकर जिस प्रकार का माहौल था, उसका सामना वंदना को भी करना पड़ा। उनके गांव में कोई स्कूल नहीं था। हालांकि, उनके पिता शिक्षा को लेकर जागरूक थे। वंदना के भाइयों को पढ़ाई के लिए विदेश भेजा गया। वंदना को इससे पढ़ाई के प्रति रुझान बढ़ा। उन्होंने माता- पिता के सामने पढ़ाई की डिमांड रखी। किसी बेहतर स्थान पर पढ़ाई कराने की मांग कर दी। माता- पिता बेटी को पढ़ाने को तैयार थे।
