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कुम्भकरण कि नींद सो रहे खनन विभाग कि नाक नीचे रोशनाबाद के आस पास अवैध खनन का बड़ा खेल, खनन माफिया के साथ साथ वन विभाग कि भी बल्ले बल्ले,जान लिजिये क्यों नही होती कार्यवाही,

ByManish Kumar Pal

Feb 17, 2024

NEWS NATIONAL

सिडकुल खनन माफियाओं का ऐसा अड्डा बन चूका है जहाँ उन्हें अब किसी का भय नही, ना ही उस कानून का जिसकी गोद मे बैठ धड़ल्ले से यहाँ दिन रात खनन कों अंजाम दिया जा रहा है और न ही उन व्यवस्थाओं का जो अवैध खनन के खिलाफ उत्तराखण्ड सरकार ने बनाई है,रोशनाबाद के आस पास लगभग दो नदियाँ है, जहाँ खनन करना कानूनन अपराध है, लेकिन बावजूद इसके खनन माफियाँ यहाँ खूब खनन कर रहे है, कभी दिन मे तो कभी रात मे, और कभी कभी तो दिन रात यानि चौबीस घंटे,

ट्रेक्टर ट्राली और बुग्गीयों से खूब हो रागा अवैध खनन,

रोशनाबाद नवोदय नगर कि सुखी नदी ने तो मानो इन खनन माफियाओं को गोद ले लिया हो, ज़ब चाहे अपने ट्रेक्टर और बुग्गीयाँ लेकर खनन माफिया यहाँ नदी मे उतर जाते है, और ज़ब तक मर्जी तब तक यहाँ खनन करते है, न तो इन्हे राजस्व विभाग रोकता है, न खनन विभाग और न ही वन विभाग, यानि कुल मिलाकर ट्रेक्टर ट्रोलियों और बुग्गीयों से जितना यहाँ अवैध खनन हो रहा है, उतना ही यहाँ दाल मे काला भी है,
रोशनाबाद के इस क्षेत्र मे सैकड़ो खनन माफिया ऐसे है जो भोर होते ही नदियों मे अपनी अपनी बुग्गीयाँ लेकर उतर जाते है और प्रातः आठ बजे तक राजस्व को खूब चुना लगाते है, दूसरी और दो दर्जन ट्रेकर ट्रोलियां कभी रात मे कभी दिन मे नदियों से निकलकर धड़ल्ले से सड़कों पर दौड़ते है, और यहाँ हैरान करने वाली और मजे कि बात ये है कि ज़ब तक जीतने घंटे ये ट्रेक्टर और बुग्गीयां खनन करते है उस समय कोई प्रसाशनिक अधिकारी सड़कों पर नजर नही आता,

खनन विभाग कि और से कोई बड़ी कार्यवाही क्यों नही,

अब जानते है कि आखिर खनन विभाग मौन क्यों है तो गुप्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार खनन विभाग कोई कार्यवाही करने के लिये नही बल्कि मलाई चाटने के लिये बनाया गया है, इस क्षेत्र मे जीतने भी अवैध खनन है वो सारे के सारे गुप्त रूप से खनन विभाग के संरक्षण मे ही चल रहे है, इस क्षेत्र मे खनन विभाग द्वारा अब तक कोई बड़ी कार्यवाही नही कि गई है और शायद आगे भी तब तक न हो ज़ब तक खनन विभाग के द्वारा किये जा रहे ठंडे बस्तों कि जानकारी सीधे धामी सरकार तक न पहुँच जाये, यानि अगर इस क्षेत्र मे अवैध खनन कों रोकना है, तो अब हरिद्वार प्रसाशन से उम्मीद छोड़ बात सीधे ऊपर  पहुंचानी होंगी, शायद उसके बाद खनन विभाग कि नींद खुल जाये,

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