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रोशनाबाद सिडकुल एक बड़ा औद्योगिक क्षेत्र बन चूका है, जहाँ छोटी बड़ी ऐसी बहुत सी फैक्ट्रीयाँ है जिनमे जन जीवन मे प्रयोग किये जाने वाले लगभग सभी प्रोडक्ट तैयार किये जा रहे है,लेकिन किसी भी फैक्ट्री को चालू करने के लिये ऐसी न जाने कितनी नियमालियां व प्रक्रियाएँ है जिनसे होकर हमें गुजरना पड़ता है, और ये सभी नियमालियाँ पूर्ण रूप से आवश्यक है जिनमे मुख्य रूप से जी एस टी और पोलूशन एन ओ सी शामिल है,
आवासीय क्षेत्र मे तो ये प्रक्रियाएँ और भी आवश्यक और कठिन हो जाती है,पहली बात तो यही है कि आप किसी आवासीय क्षेत्र मे ऐसी कोई फैक्ट्री लगा ही नही सकते जो आस पास निवास करने वाले लोगो के लिये बिमारी का कारण बने, और अगर आप ऐसा कर रहे है तो वो कानूनन अपराध है ही साथ ही आप पर भारी जुर्माना भी हो सकता है
बता दें कि रोशनाबाद मे जहाँ लोग निवास कर रहे है उन्ही के बीच ग्लू बनाने वाली एक ऐसी फैक्ट्री चल रही है जो आस पास रहने वाले लोगो के लिये परेशानी खड़ी कर रही है, लोगो का कहना है कि उनके आस पास चारो तरफ हवा मे दुर्गन्ध रहती है और फैक्ट्री से जो भी गंदा कचरा निकलता है उसे फैक्ट्री के कर्मचारी आस पास खाली प्लाट मे फेंक देते है, जो पूरी तरह कानूनन अपराध है,
जानिये क्या कहते है फैक्ट्री के मालिक.
बता दें कि इस पुरे मामले पर ज़ब फैक्ट्री के मालिक से बात कि गई तो उन्होंने बताया कि ग्लू बनाने के लिये उन्हें पोलूशन डिपार्टमेंट से किसी प्रकार कि एन ओ सी कि आवश्यकता नही, क्योंकि न तो उनकी फैक्ट्री से धुँवा निकलता है और न ही गंदा पानी, उन्होंने बताया कि फैक्ट्री से जो भी थोड़ा बहुत कचरा निकलता है उसे वो जमीन मे दबा देते है या डिस्ट्रॉय कर देते है,साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि फैक्ट्री मे ग्लू बनाने कि प्रक्रियाओं को सुचारु रूप से करने के लिये वह प्रदूषण विभाग गये थे, जहाँ उन्हें बताया गया कि आप बिना एन ओ सी के फैक्ट्री मे ग्लू बना सकते है इसके लिये आपको हमारी अनुमति कि आवश्यकता नही क्योंकि आपकी फैक्ट्री से न तो गंदा पानी निकलता है और न ही धुँवा, इनके अनुसार मतलब साफ है कि जिस फैक्ट्री से गंदा पानी या धुँवा नही निकलेगा उन्हें अब प्रदूषण विभाग कि एन ओ सी कि आवश्यकता नही,
जानिये क्या कहते है प्रदूषण विभाग के अधिकारी,
प्रदूषण विभाग से मिली जानकारी के अनुसार ग्लू बनाने कि छोटी बड़ी किसी भी फैक्ट्री के लिये उनकी एन ओ सी आवश्यक है बिना एन ओ सी अगर कोई इस तरह के प्रोडक्ट को तैयार कर रहा है बना रहा है तो वो कानूनन अपराध तो है ही साथ ही औद्योगिक नियमावली के खिलाफ भी है,
बिना एन ओ सी चल रही अवैध फैक्ट्रीयाँ है जाँच का विषय
रोशनाबाद क्षेत्र मे इस तरह कि जितनी भी फैक्ट्रीयाँ है वो निश्चित रूप से जाँच का विषय है, जिनकी जाँच होना उतना ही आवश्यक है जितना दूषित होते वातावरण को रोकना, उत्तराखण्ड सरकार एक और पर्यावरण प्रदूषण कि रोकथाम के लिये अलग अलग योजनाओं को सफल बनाने कि मुहीम चलाती है तो दूसरी और प्रदूषण फैलाने वाली ऐसी बहुत सी फैक्ट्रीयाँ है जो उत्तराखण्ड सरकार, प्रसाशन और सम्बंधित विभाग कि आँखों मे धूल झोंक अवैध रूप से काम कर रही है,