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SIDCUL / रोशनाबाद सिडकुल क्षेत्र मे सड़को पर मरम्मत तो कि गई थी लेकिन उन मुख्य सड़कों से प्रसाशन ने दूरी बनाकर रखी जिनसे लोगों कि आवाजाही लगातार जारी रहती है, सिडकुल किर्बी चौक से लेकर महेद्रा फैक्ट्री तक सड़को मे कई जगह ऐसे गड्ढे है जहाँ लगातार दुर्घटनाये होती रहती है, बड़े बड़े गड्ढे यातायात और वाहनो के लिये मुशीबत ख़डी कर रहे है, सिडकुल थाने के पास से गुजरता मुख्य मार्ग और उस पर जगह जगह हादसों के केंद्र प्रसाशन कि पोल खोल रहे है, जगह जगह जो बड़े गड्ढे सड़कों पर दिखते है वास्तव मे वो दुर्घटनाओ को न्योता दे रहे है, इन स्थानो पर छोटे टेम्पो तो लगातार पलटते रहते है,लेकिन दुर्भाग्य कि बात ये है कि न तो इन सड़कों के खिलाफ किसी नेता कि बयानबाजी है और ना ही सामाजिक कार्यकर्ताओं कि, इतना ही नही प्रसाशन भी इस और से नजरें घुमाये बैठा है,
बता दें कि पिछले लगभग दो वर्षो से यहाँ हालात जैसे के तैसे ही है ना तो यहाँ सड़क कि मरम्मत ही कि गई है और ना ही प्रसाशन ने इन बड़े बड़े गड्ढों को भरने का प्रयास किया है,
कौन होगा यहाँ होने वाली दुर्घटनाओं का जिम्मेदार?
अब सवाल ये उठता है कि ज़ब आम आदमी सड़कों पर चलने के लिये हर जगह टैक्स भरता है, छोटी छोटी कमियों पर चालान भरता है तो फिर सरकार वाहन कर्मियों को, जनता को इन टूटी फूटी सड़कों पर चलने के लिये क्यों मजबूर करती है, निश्चित रूप से ऐसी टूटी फूटी सड़कों पर यदि कोई वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो जाता है कोई घायल हो जाता है या दुर्भाग्यवश इन सड़कों पर गड्ढों के कारण किसी दुर्घटना मे लोगों कि जान चली जाती है तो उसका जिम्मेदार प्रसाशन ही होगा, अन्य कोई नही, इन गड्ढों को भरने के लिये टूटी फूटी सड़कों को ठीक करने के लिये आम आदमी सरकार को टैक्स भर रहा है, तो फिर क्यों प्रसाशन गैर जिम्मेदार नजर आ रहा है,