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ज्वालापुर क्षेत्र मे पुलिस द्वारा लगातार कार्यवाही कर माफियाओं व असामाजिक तत्वों को दौड़ाया जा रहा है, लेकिन कुछ माफिया व असामाजिक तत्व ऐसे भी है जो पुलिस के हाथ लगने से पहले ही बच निकलते है, ये कहना भी गलत नही होगा कि जो माफियाँ बच निकलते है वास्तव मे वही अवैध कार्यों के बड़े मगरमच्छ है, जो ज्वालापुर क्षेत्र मे कहीं अवैध शराब लोगों को परोस रहे है, तो कहीं प्रसाशन कि आँखो मे धूल झोंक जुवें सट्टे का कारोबार कर रहे है,
सूत्रों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार शहर के तमाम ऐसे शराब के ठेके है, जहाँ इन माफियाओं के गुर्गे स्कूटीयां व मोटर साइकले लेकर सुबह 5 बजे ही पहुँच जाते है, और शराब कि पेटीयां अपने वाहनो से लेकर शहर कि बस्तियों मे निकल पड़ते है, और ये कोई एक दिन का काम नही बल्कि रोजाना ऐसी दर्जनों स्कूटीयां है जो सुबह सुबह सड़कों पर दौड़ती है,
ज्वालापुर शहर के लगभग सभी माफियाँ आबकारी मामलो मे है थाने मे रजिस्टर्ड,
मिली जानकारी के अनुसार ज्वालापुर क्षेत्र मे जितने भी शराब माफियाँ क्षेत्र मे शराब बिक्री का अवैध कारोबार कर धर्मनगरी को उड़ता पंजाब बनाने कि और धकेल रहे है उनमे से अधिकतर माफियाँ आबकारी नियमों के उलंघन मे थानो मे रजिस्टर्ड है, ऐसे बहुत से नाम है जो थानो मे रजिस्टर्ड होने के बावजूद शहर मे अवैध शराब बिक्री और सट्टे के कारोबार मे लिप्त है,
” पुलिस का कार्य धर्मनगरी मे काबिले तारीफ़ रहा है, किसी भी शिकायत के बाद पुलिस तुरंत कार्यवाही करती नजर आती है, तो फिर क्षेत्रीय लोग क्यों ऐसे असामाजिक और अवैध गतिविधियों कि सूचना पुलिस को नही देते, ये एक बड़ा सवाल है, अगर पुलिस अपना कर्तव्य जिम्मेदारी से निभा रही है तो फिर क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता ऐसे असामाजिक तत्वों कि व माफियाओं कि शिकायत कर पुलिस कि मदद क्यों नही लेते,इन माफियाओं कि शिकायत करने से क्यों पीछे हटते है जो उनकी गली मुहल्लो मे और आस पास शराब सट्टे के कार्यों मे लिप्त है, “