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ज्वालापुर / जनपद मे शराब माफियाओं का बोल बाला इस कदर सिर चढ़कर बोलने लगा है की ना तो प्रसाशन इनके अवैध कार्य पर अंकुश लगा पा रहा है, और ना ही ये पीछे हटने को तैयार है, मानो मुख्यमंत्री की 2025 तक राज्य को नशामुक्त करने की मुहीम को ये चुनौती पूर्वक बट्टा लगाने की ठान चुके हो, सवाल ये भी है की आखिर ऐसी कौन सी शक्ति है जिसके संरक्षण मे ये शराब माफिया इस धंधे को धड़ल्ले से कर मुख्यमंत्री की इस मुहीम के साथ खिलवाड़ कर रहे है,
आखिर कौन है कड़च्च का ये अवैध शराब माफिया जो कभी घर मे तो कभी मुहल्लो मे बड़े नेटवर्क के साथ कर रहा है शराब की अवैध बिक्री,
सूत्रों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार इस शराब माफिया पर सम्बंधित थाने के साथ साथ अन्य थानो मे भी आबकारी नियमों के विरुद्ध कार्य करने कों लेकर कई मामले पंजीकृत है, बावजूद ना तो इसके अवैध शराब बिक्री के धंधे मे गिरावट आ रही है और ना ही इस पर कोई बड़ी कार्यवाही हो रही है, जनपद मे ऐसे बहुत से क्षेत्र है जहाँ ये एक बड़े नेटवर्क के साथ धड़ल्ले से अवैध शराब बिक्री को अंजाम दे रहा है,
और अपने इसी अवैध शराब बिक्री के धंधे के कारण इसका नाम भी तरक्की पर है,
क्षेत्रीय युवाओ को धकेल रहा नशे की और, प्रसाशन को उठाने होंगे कड़े कदम,
बता दे की इस शराब माफिया के खिलाफ जितने मामले दर्ज है उतना ही और मजबूती के साथ ये ज्वालापुर के कड़च्च से अपने धंधे का नेटवर्क और अधिक मजबूत कर युवाओ को नशा बेच रहा है, जहाँ एक और उत्तराखंड सरकार नशे के आदी युवाओं को समझा बुझाकर उन्हें रास्ते पर लाने का प्रयास कर रही है तो दूसरी और इसके जैसे शराब माफिया उन्ही युवाओ को अँधेरे की और धकेल कर समस्त प्रसाशन और सरकार की मुहीम को मिट्टी मे मिला रहे है,
क्षेत्रीय पढ़े लिखे व सामाजिक कार्यकर्ताओ को खोलना होगा मोर्चा,
जिस तरह इन शराब माफियाओ द्वारा क्षेत्र मे अवैध शराब बेच नशे का कारोबार किया जा रहा है उस से यह स्पस्ट हो रहा है की आने वाला समय धर्म नगरी के लिये भयानक होगा,अब आवश्यकता आन पड़ी है की जो भी जनपद मे नशे और सट्टे का अवैध कारोबार कर रहे है उनके खिलाफ सामाजिक संस्थाओ को सामने आकर मोर्चा खोलना पड़ेगा,
क्यों इन पर कोई बड़ी व आवश्यक कार्यवाही नही होती? क्यों सामाजिक कार्यकर्ता इनके खिलाफ मोर्चा नही खोलते? क्यों पढ़ा लिखा युवा इनके खिलाफ आवाज नही उठाता? क्यों आस पास रहने वाले लोग इन माफियाओं के खिलाफ बोलने से कतराते है? ये कुछ ऐसे सवाल है जो स्थानीय लोगों पर भी खडे होते है,
अगर जल्द ही स्थानीय लोगों ने इन माफियाओं के खिलाफ अपने अपने क्षेत्र की कमान न संभाली तो आने वाले हर घर मे एक शराबी नशेड़ी और जूवाऱी बनने मे देरी नही होगी,