• Thu. Jun 12th, 2025

दुनिया का ये देश आखिर क्यों एक भारतीय नर्स क़ो देने जा रहा है फांसी,परिवार की हर कोशिश हुई नाकाम,जानिये क्या कहा भारत सरकार ने?

ByManish Kumar Pal

Jan 3, 2025

न्यूज़ नेशनल / पत्रिका व अखबार

भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को मिली मौत की सजा को लेकर उनके परिवार की हर कोशिश नाकाम हो गई है। मामला यमन देश का है जहाँ राष्ट्रपति रशद अल-अलीमी ने उनके लिए फांसी की सजा को मंजूरी दे दी है।

पिछले कुछ दिनों से निमिषा को बचाने के लिए ब्लड मनी देने की कोशिशें की गईं और राष्ट्रपति से माफी की गुहार भी लगाई गई, लेकिन न तो ब्लड मनी पर बात बन पाई और न ही राष्ट्रपति से माफी मिल पाई। निमिषा प्रिया, जो कि केरल के पलक्कड़ जिले की रहने वाली हैं, 2012 में अपने पति और बेटी के साथ यमन गई थीं। शुरुआत में वे वहां नर्स के तौर पर काम कर रही थीं। 2014 में उनके पति और बेटी भारत लौट गए, लेकिन निमिषा यमन में ही रहकर कई अस्पतालों में काम करती रहीं और बाद में अपना क्लीनिक खोल लिया।

2016 में यमन में गृहयुद्ध के कारण बाहर आने-जाने पर पाबंदी लग गई थी, जिसके बाद उनकी जिंदगी में एक गंभीर मोड़ आया। निमिषा पर यह आरोप था कि उन्होंने यमन के नागरिक तलाल महदी को नशीला इंजेक्शन देकर उसकी हत्या कर दी। रिपोर्ट के मुताबिक, तलाल ने क्लीनिक से मिलने वाले पैसे में हिस्सा मांगा था, जिसके बाद दोनों के बीच विवाद बढ़ गया और टॉर्चर की शिकायत के बावजूद तलाल ने उन्हें परेशान करना जारी रखा था। 2017 में पासपोर्ट वापस लेने की कोशिश में निमिषा ने तलाल को नशीला इंजेक्शन दिया, जिसके कारण उसकी मौत हो गई। इसके बाद, मामले की सुनवाई में यह भी खुलासा हुआ कि निमिषा ने अब्दुल हनान की मदद से तलाल की लाश के टुकड़े कर दिए और पानी के टैंक में फेंक दिया। पुलिस ने अगस्त 2017 में दोनों को गिरफ्तार किया। अदालत ने निमिषा को फांसी और अब्दुल हनान को उम्रकैद की सजा सुनाई।

निमिषा ने इस दौरान यमन से भागने की कोशिश की थी, लेकिन वह गिरफ्तार हो गईं। यमन की अदालत ने उन्हें हत्या का दोषी ठहराते हुए 2020 में मौत की सजा सुनाई। नवंबर 2023 में यमनी सर्वोच्च न्यायिक परिषद ने भी उनकी सजा को बरकरार रखा। इसके बाद उनके परिवार ने ब्लड मनी और राष्ट्रपति से माफी की उम्मीद की, लेकिन अंततः ये प्रयास भी विफल हो गए। निमिषा की मां, प्रेमा कुमारी ने पूरी कोशिश की कि ब्लड मनी के माध्यम से मामला सुलझाया जा सके, लेकिन राष्ट्रपति से माफी की अपील को भी खारिज कर दिया गया। अब एक महीने के भीतर निमिषा को फांसी दी जा सकती है। भारत सरकार ने इस मामले में मदद देने का आश्वासन दिया है, और विदेश मंत्रालय ने कहा है कि वह निमिषा को हरसंभव सहायता प्रदान कर रहा है, लेकिन इस समय परिवार के लिए स्थिति बहुत कठिन हो गई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You missed