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रोशनाबाद क्षेत्र या फिर सिडकुल के आस पास के अन्य ग्रामीण क्षेत्र हर जगह तेजी से ऐसे मेडिकल व क्लिनिक चलाये जा रहे है जो ना तो कानून की परवाह कर रहे है ओर ना ही स्वास्थ्य विभाग की, हर गली मुहल्लो मे झोलाछाफ ऐसे दूकान खोले बैठे है मानो इन्हे किसी का डर नही, रोशनाबाद क्षेत्र मे हर गली हर मोहल्ले मे एक या दो नही बल्कि दर्जनों झोलाछाफ डॉक्टर लोगों की जान से खिलवाड़ तो कर ही रहे है साथ ही उनकी जेबें भी मनमाने ढंग से खाली कर रहे है,ओर इनकी संख्या लगातार बढ़ती चली जा रही है,
पिछले 5 वर्षो मे इन झोलाछाफ डॉक्टरों के हाथों यहाँ दर्जनों ऐसी घटनाये हो चुकी है जिससे लोगों की जान ओर माल दोनों की क्षति हुई है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग की ओर से इस क्षेत्र मे आज तक कोई विशेष कार्यवाही नही हो पाई है,अब यहाँ कोई आवश्यक कार्यवाही क्यों नही होती ये एक ऐसा सवाल है जिसका जवाब सिर्फ स्वास्थ्य विभाग ही दे सकता है लेकिन यहाँ आपको एक सत्य से अवगत करा देते है बता दें की स्वास्थ्य विभाग के आस पास मात्र दो से तीन किमी के दायरे मे स्तिथि इतनी खराब हो चुकी है की अब ये नियंत्रण से बाहर नजर आने लगो है, स्वास्थ्य विभाग के निकट रोशनाबाद, हेत्तमपुर , रावली महदूद, बृहमपुरी, सलेमपुर, दादूपुर कईं छोटे बड़े गाँव ओर कस्बे है, ओर दुर्भाग्य ये है की इन्ही क्षेत्रों मे लगातार अवैध मेडिकल, क्लिनिक व झोलाछाफ अपना धंधा बिना रोक टोक धड़ल्ले से सरेआम करते नजर आ रहे है,
अभी रोशनाबाद मे क्लिनिक पर हुई थी एक गर्भवती महिला के साथ अप्रिय घटना, कुछ समय बाद फिर खुला वहीँ मौत का अड्डा,
सबसे बड़ा दुर्भाग्य तो ये है की रोशनाबाद मे ही शिवम विहार कॉलोनी मे दो डॉक्टरों द्वारा एक गर्भवती महिला का गलत ढंग से ट्रीट मेन्ट कर दिया गया, ओर महिला मौत के मुँह मे चली गई, ना तो महिला का गर्भ बचा ओर ना ही वो महिला, महिला ने दम तोड़ते समय वीडियो के माध्यम से प्रसाशन से अपराधि डॉक्टरो के खिलाफ कार्यवाही की मांग भी की थी,लेकिन दुर्भाग्य की दोनों डॉक्टर बच निकले ओर हिम्मत ऐसी की वापस कुछ ही महीनों मे दोबारा उसी क्लिनिक क़ो फिर से खोल बैठे इतना ही नही नवोदय नगर मे एक ओर ब्राच खोलकर जनता क़ो ये संदेश भी दे दिया की हम स्वास्थ्य विभाग ओर प्रसाशन से कमजोर नही, फिर से मरीजों के साथ दोनों डॉक्टरों ने वहीँ व्यापार शुरू कर दिया,
क्या 2025 तक सफलता पूर्वक समाप्त हो जायेगी उत्तराखण्ड सरकार की नशामुक्त राज्य की मुहीम?
जिस तरह इस क्षेत्र मे तेजी से अवैध मेडिकल क्लिनिक ओर झोलाछाफ डॉक्टरों का मेला लगता है ओर गुप्त रूप से नशा बिकता है उस से मुमकिन नही की उत्तराखण्ड सरकार नशामुक्त राज्य की इस मुहीम क़ो सफल बना सके, क्षेत्रीय जनता ज़ब तक प्रसाशन क़ो सहयोग नही करेंगी तब तक ना तो सरकार की कोई मुहीम सफल हो सकती है ओर ना ही क्षेत्र मे नशे पर अंकुश लग सकता है,