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HARIDWAR / ड्रग विभाग ओर पुलिस की सयुंक्त कड़ी मेहनत के परिणाम सामने आने लगे है क्षेत्र मे नशा परोसने वाले माफियाओं पर अब शिकंजा कसने की रफ्तार तेजी पकड़ने लगी है
लेकिन कुछ ऐसे सवाल भी है जिनका उठना लाजमी है, क्या ये जिम्मेदारी सिर्फ ड्रग विभाग ओर पुलिस विभाग की है? क्या स्वास्थ्य विभाग की कोई जिम्मेदारी नही? आज स्वास्थ्य विभाग इतना लाचार हो चूका है की ना तो उत्तराखण्ड मुख्यमंत्री की नशामुक्त मुहीम मे इसकी कोई विशेष भूमिका नजर आ रही है ओर ना ही क्षेत्र मे दनादन खुल रहे अवैध मेडिकल ओर क्लिनिकों पर कोई अंकुश नजर आ रहा है,
हलाकि ड्रग विभाग ओर पुलिस विभाग का नशे पर खूब प्रहार हो रहा है,
हरिद्वार जिले में नशे के खिलाफ चल रहे अभियान के तहत ड्रग विभाग ने पुलिस के साथ मिलकर एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार छापेमारी कर रहे ड्रग विभाग ने रानीपुर कोतवाली क्षेत्र मे पड़ने वाले ग्रामीण क्षेत्र गढ़मीरपुर में एक संयुक्त अभियान चलाकर 5000 नशीले कैप्सूल और 54 इंजेक्शन बरामद किए हैं।जो नशे पर चोट के साथ साथ एक बड़ी ओर काबिले तारीफ़ सफलता भी है,
ड्रग विभाग के साथ सुमन नगर चौकी इंचार्ज अर्जुन सिंह की रही अहम भूमिका,
ड्रग इंस्पेक्टर अनिता भारती द्वारा तारीफ़ करते हुए बताया की इस कार्रवाई में सुमन नगर चौकी इंचार्ज अर्जुन सिंह की अहम भूमिका रही है । उनकी कुशल नेतृत्व क्षमता और सतर्कता ने इस सफलता में महत्वपूर्ण योगदान दिया। अर्जुन सिंह ने अपनी टीम के साथ संदिग्ध स्थानों की घेराबंदी कर आरोपियों को पकड़ने में मदद की।
दिन मे बच निकलते है नशे के कारोबारी,विशेष रणनीति के तहत की गई छापेमारी
ड्रग विभाग और पुलिस जब दिन के समय छापेमारी करने जाते है, तो नशीली दवाइयों का व्यापार करने वाले बचकर फरार हो जाते हैं। इस बार ड्रग विभाग और पुलिस ने विशेष प्लान तैयार किया और देर शाम अचानक मेडिकल स्टोर्स पर पहुंचे। इस सफल रणनीति के चलते बड़ी मात्रा में नशीली दवाइयां और इंजेक्शनों का जखीरा बरामद किया गया।
ड्रग इंस्पेक्टर अनीता भारती ने बताया, “हम नशे के कारोबार पर रोक लगाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। विभाग को जहां भी अवैध नशीले पदार्थों की बिक्री की सूचना मिलती है, वहां तत्काल कार्रवाई की जाती है। इस अभियान में पुलिस का सहयोग सराहनीय रहा है।”
मौके से कई संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है, और उनसे पूछताछ की जा रही है। शुरुआती जांच में पता चला है कि ये नशीले पदार्थ स्थानीय बाजार में अवैध रूप से बेचे जा रहे थे।
ड्रग विभाग और पुलिस की इस सख्ती से मेडिकल स्टोर संचालकों में खलबली मच गई है। स्थानीय निवासियों ने विभाग की इस पहल की सराहना करते हुए उम्मीद जताई है कि जिले में नशे के अवैध कारोबार पर जल्द ही पूरी तरह से लगाम लगाई जाएगी।
ड्रग विभाग ने स्पष्ट करते हुए कहा कि नशे के खिलाफ अभियान और तेज किया जाएगा। “यह सिर्फ शुरुआत है। जिले के हर कोने में ऐसी अवैध गतिविधियों को खत्म करने के लिए हम पूरी ताकत से जुटे हुए हैं।”साथ ही जनता से अपील की है कि यदि कहीं भी नशीले पदार्थों की अवैध बिक्री हो रही हो, तो इसकी सूचना तुरंत पुलिस या ड्रग विभाग को दें।