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Haridwar / शहर के कई हिस्सों मे चमकती ईमारतों और होटलों के कमरों मे रोशनी के पीछे छुपी एक और दुनिया तेजी से अपना विस्तार कर रही है। भले ही यह दुनिया बाहर से सजी-धजी, महकती और सभ्यता की परतों में लिपटी लगती है, लेकिन अंदर से इतनी असामाजिक व गंदी है कि समाज की सांसें घुटने लगें। यह है पर्दे के पीछे पनपते देह व्यापार की दुनिया — जो अब खुले बाजार में नहीं, बल्कि आलीशान होटलों, चकाचौंध भरे स्पा और महंगे मसाज पार्लरों की आड़ में पल रही है।
इन जगहों पर बाहर से देखने पर सब कुछ सामान्य लगता है। रिसेप्शन पर मुस्कुराते चेहरे, दीवारों पर सुगंधित मोमबत्तियों की रोशनी, और पृष्ठभूमि में धीमी संगीत की धुन। लेकिन इन सजावटी पर्दों के पीछे ही शुरू होती है सच्ची कहानी जी हाँ सौदे — इंसानों के जिस्म के सौदे। होटल के कमरों में कभी आधे घंटे, कभी एक रात के लिए किराये पर, हालाकी पिछले कुछ समय से पुलिस इस पर बहुत अच्छा काम कर रही है, शिकायतों और सूचनाओ पर पुलिस बिना देरी किये कार्यवाही कर अच्छे परिणाम भी दें रही है, जिस कारण समाज और जनता के बिच पुलिस पर विश्वास भी बनता दिख रहा है,
क्या है मसाज पार्लरों की सच्चाई
मसाज पार्लरों में मालिश के नाम पर ग्राहकों को वो सबकुछ दिया जाता है जो कानून मना करता है, और जो समाज के लिए कलंक है।अब यह कारोबार महज़ कुछ छिपे हुए कोनों तक सीमित नहीं रह गया। बल्कि अब शहर के बीचों-बीच, भीड़भाड़ वाले इलाकों में भी ऐसे ठिकाने बढ़ रहे हैं, जहां दरवाजे हमेशा ‘स्पेशल कस्टमर’ के लिए खुलते हैं। रिसेप्शन पर खड़ी महिला पुरुष जानता है कि किस ग्राहक को किस कमरे में भेजना है, और अंदर किस तरह का “सर्विस” देना है। कोई सवाल नहीं, कोई कागज़ नहीं, सिर्फ कैश और मुस्कान।
सबसे हैरान करने वाली कुछ विशेष बाते है जिनमे कुछ सवाल भी है.. ज़ब भी इन स्पा मसाज पार्लोरों मे छापे मारी होने के बाद इन्हे सीज कर दिया जाता है तो फिर कैसे कुछ समय के बाद यें दोबारा खुल जाते है, क्यों इन पर बड़ी कार्यवाही नहीं होती, इनमे काम करने वाले महिला पुरुषो की योग्यता प्रमाणित का अंकलन कौन और कैसे करता है, इनके द्वारा दी जा रही थेरेपी वैध है या अवैध,.. जबकि सच्चाई यें है की इनमे काम करने वाले महिला पुरुषो के पास ना तो कोई वैध प्रशिक्षण है और ना ही कोई योग्यता.. ना ही कोई प्रमाण पत्र है और ना ही शिक्षा. फिर क्यों गैर कानूनी तरीके से क्षेत्र मे कानून व समाज की आँखों मे धूल झोंक क्षेत्र का माहौल ख़राब किया जा रहा है,
आखिर कैसे इस नेटवर्क मे काम कर रहे महिला पुरुष,
देह व्यापार में फंसे ज्यादातर लोग अपनी मर्ज़ी से इस गंदगी का हिस्सा बनते है, क्योंकि स्पा व मसाज की आढ मे मोटी कमाई का लालच उन्हें अपनी और खिंच रहा है,अगर जांच हो जाती है तो अधिकतर महिलाएं पुरुष बाहरी राज्यों के निवासी मिलेंगे, जिनके घरो मे मालूम नहीं की उनके घरो के सदस्य किसी फैक्ट्री का कम्पनी मे नहीं बल्कि स्पा व मसाज पार्लरो की आढ़ मे चल रहे देहव्यापार के नेटवर्क से जुड़े है, इतना ही नहीं इन स्पा सेंटरों मे काम करने वाले लगभग सभी लोगो के नाम भी फ़र्ज़ी पाए जाते है,
” अगर इस दलदल को सच में खत्म करना है, तो सिर्फ अख़बार में छपने वाले छापे और कैमरे के सामने दिए जाने वाले बयान काफी नहीं होंगे। हर होटल, हर मसाज पार्लर की अचानक और बार-बार जांच करनी होगी। हर कमरे में सीसीटीवी लगाना होगा और हर ग्राहक की असली पहचान दर्ज करनी होगी। मालिकों को सज़ा इतनी कड़ी देनी होगी कि अगला कोई इस धंधे में उतरने से पहले सौ बार सोचे “”