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कौन है ये शराब मांफिया विक्रम बेताल जिसकी रोशनाबाद मुख्य बाजार पाल मार्केट तक बिकने लगी शराब,आखिर किसके संरक्षण मे प्रशासन तक को दे रहा खुली चुनौती?

ByManish Kumar Pal

Sep 17, 2025

NEWS NATIONAL

हरिद्वार
जिला प्रसाशन से कुछ की कदमो को दूरी पर बसा रोशनाबाद गाँव का मुख्य बाजार, जिसे पाल मार्केट के नाम से जाना जाता है, इन दिनों एक बड़े शराब माफिया का अड्डा बन चूका है।जो इस क्षेत्र मे प्रसाशन की आँखों मे धूल झोंक बड़े स्तर पर अवैध कारोबार कर आस पास की जनता को नशे मे झोंकने का काम कर रहा है,

सूत्रों की अगर माने तो क्षेत्र मे बिक रही शराब ने न केवल स्थानीय लोगों बल्कि प्रशासन की कार्यशैली पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। सवाल ये है कि जब आबकारी विभाग कुछ ही कदमों की दूरी पर मौजूद है, तो फिर ये गोरखधंधा कैसे चल रहा है और किसके संरक्षण में चल रहा है?

मुख्य बाजार में बड़े स्तर ओर शराब की बिक्री

गाँव का मुख्य बाजार वह जगह है, जहाँ रोज़ाना सैकड़ों लोग अपनी ज़रूरत का सामान लेने आते हैं। पाल मार्केट परिवारों, बच्चों और बुजुर्गों से गुलजार रहती है, लेकिन अब यही बाजार इस शराब माफिया के लिए भी एक ‘सुरक्षित’ ठिकाना बन गया है। यूँ तो यहाँ चौबीस घंटे अवैध शराब बिक रही है लेकिन शाम ढलते ही यहाँ लम्बी कतार शुरू हो जाती है ओर बोतलें ही बोतले बिकती हैं। दुर्भाग्य के साथ स्थानीय लोगों का कहना है कि कई बार शिकायत करने के बाद भी कोई ठोस कार्रवाई आज तक नहीं हुई।

एक दुकानदार ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “हमारे सामने ही शराब के सौदे होते हैं, आबकारी प्रसाशन सब जानता है, लेकिन चुप्पी साधे बैठा है। आम लोग मजबूर होकर खामोश रहते हैं।”
आबकारी विभाग पर उठ रहे सवाल

सबसे बड़ी हैरानी की बात ये है कि आबकारी विभाग बाजार से कुछ ही कदमों की दूरी पर मौजूद है। विभाग का स्टाफ भी कईं बार उसी रास्ते से गुजरता है, लेकिन उन्हें न अवैध शराब के अड्डे दिखते हैं और न ही शराब माफिया। आखिर क्यों?

क्या विभाग की आँखों पर पर्दा डाला गया है, या फिर कहीं न कहीं ‘मिलीभगत’ का खेल चल रहा है?
स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि विभाग को शिकायतें बार-बार भेजी गईं, लेकिन हर बार नतीजा ‘ज़ीरो’ रहा। लोग पूछ रहे हैं कि आखिर विभाग किसके दबाव में चुप्पी साधे हुए है?

कौन दे रहा संरक्षण?

यहाँ बड़ा सवाल यह है कि ये शराब माफिया किसके इशारे पर इतनी बेखौफी से काम कर रहे हैं। बाजार के बीच शराब बेचना कोई छोटी बात नहीं। इसके लिए स्थानीय स्तर पर ‘संरक्षण’ की जरूरत होती है। कहीं न कहीं संबधित विभाग और विभागीय अधिकारियों की ‘नजरअंदाजी’ इस अवैध धंधे को ताकत दे रही है।
गाँव के युवाओं का कहना है कि पाल मार्केट में शराब की बिक्री ने वातावरण खराब कर दिया है। अक्सर झगड़े, विवाद और नशे में धुत लोग बाजार की साख को धूमिल कर रहे हैं। महिलाओं और बच्चियों का बाजार में आना-जाना तक असुरक्षित होता जा रहा है।

क्षेत्र वासियों का कहना है कि अगर प्रशासन ने जल्द कार्यवाही नहीं की, तो वे मजबूरन खुद मोर्चा खोलने के लिये मजबूर होगे।लेकिन “हम अपने बच्चों का भविष्य बर्बाद नहीं होने देंगे। अगर विभाग कार्रवाई नहीं करता, तो हम सड़क पर उतरेंगे,”

आखिर क्या है प्रशासन की जिम्मेदारी…?
हरिद्वार जिला प्रशासन और आबकारी विभाग की जिम्मेदारी है कि तुरंत कार्रवाई कर इस अवैध कारोबार पर लगाम लगाई जाए ओर मांफिया के खिलाफ बडी कार्यवाही की जाये,बाजार जैसी सार्वजनिक जगहों पर शराब की खुलेआम बिक्री न केवल कानून का मजाक है, बल्कि सामाजिक माहौल को भी बिगाड़ रही है।

आज सवाल सिर्फ इतना है कि—
क्या प्रशासन इन शराब माफियाओं को बचा रहा है?
क्या विभागीय अधिकारी आँखें मूँदकर बैठे हैं?
या फिर कोई ‘बड़ा संरक्षण’ इस धंधे के पीछे खड़ा है?

रोशनाबाद के पाल मार्केट में शराब की खुलेआम बिक्री आबकारी विभाग की नाकामी का साफ सबूत है। अब देखना होगा कि जिला प्रशासन और आबकारी विभाग इस पर कब तक चुप्पी साधे रहते हैं। अगर कार्रवाई नहीं हुई, तो यह माफिया और भी ताकतवर हो जाएगा और समाज के लिए गंभीर खतरा बन जाएगा।

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