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चारधाम यात्रा के दो प्रमुख धाम — गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिर — हर साल की तरह इस वर्ष भी शीतकालीन अवकाश के लिए अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में बंद कर दिए जाएंगे। मंदिर समिति के सचिव सुरेश सेमवाल ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि गंगोत्री धाम के कपाट 22 अक्टूबर को अन्नकूट पर्व के पावन अवसर पर सुबह 11:36 बजे विधि-विधान के साथ बंद किए जाएंगे।
इसके अगले ही दिन, 23 अक्टूबर को भैयादूज के शुभ अवसर पर यमुनोत्री धाम के कपाट भी बंद कर दिए जाएंगे। यह तिथि हर वर्ष नवरात्र के दौरान तय की जाती है, जो परंपरा के अनुसार तीर्थ पुरोहितों द्वारा घोषित की जाती है।
शीतकालीन पूजा कहाँ होगी?
गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने के बाद, माँ गंगा की शीतकालीन पूजा मुखबा गांव में स्थित गंगा मंदिर में संपन्न होगी। श्रद्धालु इस दौरान यहीं दर्शन और पूजन कर सकेंगे।
इसी प्रकार, यमुनोत्री धाम की मूर्तियों को खरसाली गांव ले जाया जाएगा, जहाँ पूरे शीतकाल में पूजन-अर्चन की परंपरा निभाई जाएगी।
कब दोबारा खुलते हैं कपाट?
हर साल अक्टूबर-नवंबर में हिमालयी धामों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं, क्योंकि इस क्षेत्र में भारी बर्फबारी शुरू हो जाती है। इसके चलते धाम अगले छह महीने तक श्रद्धालुओं के लिए बंद रहते हैं।
फिर वसंत ऋतु में, अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर धामों के कपाट पुनः खोले जाते हैं, और चारधाम यात्रा का नया चरण प्रारंभ होता है।