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अफगानिस्तान के राष्ट्रीय परीक्षा प्राधिकरण (NEXA) ने यह एलान किया है कि इस साल केवल पुरुष छात्रों को ही विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा में बैठने की इजाजत दी जाएगी। नेक्सा के इस फैसले पर महिला अधिकार कार्यकर्ताओं और महिला छात्रों के तरफ से तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली है।
उधर इस फैसले पर बोलते हुए तालिबान सरकार ने कहा है कि यह निर्णय इसलिए लिया गया है क्योंकि वे पहले पुरुष छात्रों की शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं। तालिबना के इस फैसले पर आलोचकों का यह कहना है कि यह महिलाओं और लड़कियों को दबाने का एक और तरीका है।
यह पहली बार नहीं है जब महिला छात्रों द्वारा विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा में बैठने पर प्रतिबंध लगाया गया है बल्कि इससे पहले भी इस तरीके के बैन लगाए गए है। साल 2022 के मार्च में तालिबान ने लड़कियों को माध्यमिक स्कूलों में जाने के लिए बैन लगा दिया है।
इससे पहले तालिबान ने महिलाओं को मानवीय सहायता एजेंसियों में काम करने और उच्च शिक्षा से भी रोका है और इस पर प्रतिबंध लगाया है।हालाकी अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने तालिबान के महिला शिक्षा पर प्रतिबंध की निंदा की है। संयुक्त राज्य अमेरिका ने तालिबान से इस निर्णय को उलटने और सभी अफगान छात्रों, चाहे वे किसी भी लिंग के हों, को शिक्षा तक पहुंच की अनुमति देने का आह्वान किया है।