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कोतवाली थाना पुलिस ने वाहन जांच के दौरान पहली बार सात पेन पिस्टल बरामद किया। पुलिस ने इस दौरान तीन हथियार तस्करों को भी गिरफ्तार किया। इनके पास से 14 जिंदा कारतूस, 1 लाख 90 हजार रुपये नकद, एक बाइक व तीन मोबाइल भी पुलिस ने जब्त किये है।आर्म्स एक्सपर्ट के अनुसार पेन पिस्टल काफी घातक हथियार है।बता दें कि यह मामला बिहार के मुंगेर जिले का है, जहाँ पुलिस के हाथ यें कामयाबी लगी है
यह पैन पिस्टल हाई वैल्यू टारगेट को मारने के काम आता है। यह एक साइलेंट किलर की तरह काम करता है। पश्चिम बंगाल से दो लोग पेन पिस्टल को खरीदने के लिए पहुंचे थे। डिलीवरी से पहले ही पुलिस ने हथियार तस्करों को अरेस्ट कर लिया। अब सबसे बड़ा सवाल उठता है कि बिहार से पेन पिस्टल की खरीदारी कर आखिर पश्चिम बंगाल में किस बड़े वारदात को अंजाम देने की तैयारी थी?
एसडीपीओ सदर राजेश कुमार ने बताया कि कोतवाली थाना की पुलिस वाहन जांच कर रही थी। इस दौरान एक बाइक पर सवार तीन लोग पुलिस को देखकर भागने लगे। पुलिस ने पीछा कर युवकों को पकड लिया,तलाशी के दौरान उनके पास से सात पेन पिस्टल, 14 जिंदा कारतूस, एक लाख 90 हजार रुपया नकद तथा तीन मोबाइल मिले। इसके बाद पुलिस बाइक जब्त करते हुए तीनों को थाना लाई। पकडे गये हथियार तस्करों में आर्म्स विक्रेता मुफस्सिल थाना क्षेत्र के मिर्जापुर बरदह निवासी मो.जमशेर उर्फ नफरू के अलावा हथियार खरीदने वाले पश्चिम बंगाल के गोपालनगर मिठूपाड़ा निवासी विलाल मंडल और अरमान मंडल शामिल हैं।
पश्चिम बंगाल से आए थे खरीदार
कोतवाली थानाध्यक्ष धीरेन्द्र कुमार पांडेय ने बताया कि पूछताछ में मिर्जापुर बरदह निवासी मो.जमशेर ने बताया कि काफी दिन से उसके पास पेन पिस्टल थी। उसे कोई खरीदने वाला नहीं मिल रहा था। काफी प्रयास के बाद पश्चिम बंगाल के दो लोग पेन पिस्टल के खरीदार मिले थे। इन खरीदारों को पेन पिस्टल की डिलीवरी देने ही पहुंचा था।
पुलिस सूत्रों कि अगर माने तो गिरफ्तार मिर्जापुर बरदह निवासी मो.जमशेर उर्फ नफरू का हथियार तस्करी का पुराना रिकार्ड है। इससे पहले भी कई बार वह आर्म्स एक्ट में जेल जा चुका है। गिरफ्तार खरीदार बंगाल निवासी विलाल मंडल और अरमान मंडल ने बताया कि 25 हजार रुपया प्रति पेन पिस्टल की दर से सात पेन पिस्टल की खरीदारी की थी। जिसे लेकर वे लोग शाम के ट्रेन से पश्चिम बंगाल जाने वाले थे।
साइलेंट किलर है पेन पिस्टल
आर्म्स एक्सपर्ट अवधेश कुंवर के अनुसार पेन पिस्टल सेकेण्ड वर्ल्ड वार के समय यह अस्तित्व में आया था। पेन पिस्टल मुख्यत: खुफिया एजेंसी के काम में आता था। इसको ऑपरेट करना काफी आसान है। पेन का ढक्कन खोलकर उसमें काफी छोटे साइज का कारतूस डाल कर पुश करने के बाद यह फायर हो जाता है।
तीन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज:
मुंगेर सदर के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि पेन पिस्टल के साथ पकड़ाए तीन अपराधियों के विरुद्ध कोतवाली थाना में आर्म्स एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज कर तीनों को जेल भेजने की कार्रवाई की जा रही है। पिस्टल पेन कहां से आया था, उस व्यक्ति की भी पहचान कर ली गई है, शीघ्र ही उसे भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।