• Tue. Sep 16th, 2025

महादेव का ध्यान केंद्र कैलाश जहां विज्ञान,टेक्नोलॉजी और कम्पास सब टेक देते है घुटने, जानिए क्यों ये पर्वत आजतक है अजेय ?ओर क्या है वैज्ञानिकों का मानना?

ByManish Kumar Pal

Aug 1, 2025

News National

कैलाश पर्वत हिमालय में तिब्बत के सुदूर दक्षिण-पश्चिम कोने में स्थित एक आकर्षक पर्वत शिखर है। ऐसा कहा जाता है कि ब्रह्मांड के संहारक भोलेनाथ इसी शिखर पर गहन ध्यान करते हैं। यह चार धर्मों – बौद्ध धर्म, जैन धर्म, हिंदू धर्म और तिब्बती बोन – का एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है।लेकिन, आज तक कोई भी इस पर्वत पर नहीं चढ़ पाया है।

हालाँकि इस पर्वत से भी ऊँचे कई पर्वत हैं, जिनकी चोटियों पर पर्वतारोही पहुँच चुके हैं। लेकिन, कैलाश पर चढ़ना किसी के बस की बात नहीं है।उत्तराखंड सरकार की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, 6638 मीटर (21778 फीट) की ऊँचाई पर स्थित, यह हिमालय के सबसे ऊँचे भागों में से एक है और एशिया की कुछ सबसे लंबी नदियों का उद्गम स्थल है।

इसकी संरचना पिरामिड जैसी है
तिब्बत में इसे गंग त्से या गंग रिनप्रोचे के नाम से जाना जाता है। यह एक पिरामिड के आकार का शिखर है, जो दुनिया में कहीं और नहीं पाया जाता। हर साल दुनिया भर से हज़ारों लोग इस स्थान पर आते हैं। 52 किलोमीटर का यह ट्रेक आसान नहीं है।आमतौर पर इस ट्रेक को पूरा करने में लोगों को 3 दिन लगते हैं। हिंदू और बौद्ध श्रद्धालु दक्षिणावर्त दिशा में चलते हैं। जबकि, जैन और बॉन अनुयायी वामावर्त दिशा में चलते हैं। इसे पूरा करने के लिए शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से मज़बूत होना ज़रूरी है।

कोई भी इस पर्वत पर क्यों नहीं चढ़ पाया?
पिछले कई सालों में कई पर्वतारोहियों ने कैलाश (Kailash Mountain Mystery) पर चढ़ने की असफल कोशिश की है। कोई भी इसके शिखर तक नहीं पहुँच पाया है। वैज्ञानिक शोध कहते हैं कि कैलाश में चुंबकीय क्षेत्र बहुत ज़्यादा है। इस वजह से आधुनिक तकनीक और कंपास यहाँ काम करना बंद कर देते हैं।

कैलाश पर चढ़ना चुनौतीपूर्ण है
कैलाश पर चढ़ना माउंट एवरेस्ट से कहीं ज़्यादा चुनौतीपूर्ण और रहस्यमय है। यह पर्वत चारों तरफ से पिरामिड जैसा है। यहाँ अचानक बहुत सारे मौसमी बदलाव होते हैं और ऊर्जा का प्रवाह इतना ज़्यादा होता है कि पर्वतारोहियों को मानसिक भ्रम और थकान हो जाती है, जिसके कारण वे आगे नहीं बढ़ पाते।कुछ पर्वतारोहियों ने बताया है कि यहाँ कुछ अदृश्य शक्तियाँ हैं, जो उन्हें कैलाश में आगे बढ़ने से रोकती हैं। कैलाश पर समय की गति बहुत बढ़ जाती है। उन्होंने कुछ ही घंटों में लोगों के नाखून और बाल तेज़ी से बढ़ने का अनुभव भी साझा किया है।

Related Post

जानिये कौन है ये लेडी अफसर जिसके घर मिली नोटों की गड्डियाँ ही गड्डियाँ और एक करोड़ के गहने, इस लेडी अफसर के घर विजिलेंस रेड में मिला खजाना
सिडकुल मे फ़र्ज़ी फैक्ट्री खोल कर रहे थे बड़ा घपला, नकली प्रोडक्ट बनाने वाली इस फैक्ट्री का भंडाफोड़, जानिये कौन है ये काले व्यापारी जो 15 लाख के नकली माल के साथ हुए गिरफ्तार
रोशनाबाद गाँव के युवा संगठन को होना पड़ा जागरूक, गाँव क्षेत्र के विकास को आये सामने, टूटे फूटे मार्गो का करा रहे निर्माण कार्य

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You missed