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शामली के कैराना निवासी इरशाद उर्फ भूरू ने कुछ महीने पहले ओटीटी प्लेटफॉर्म पर वेब सीरीज ”फर्जी” देखी। जिसके बाद उसे नकली नोट छापने का आइडिया मिला।
इसके बाद उसने यूट्यूब पर नोट छापने के आइडिये को बारिकी से समझा ओर छापने लगा सीधे 2000 के नकली नोट ओर सप्लाई करने के लिए रखा अपना ही मित्र ताजीम जो उसी के पड़ोस मे रहता था
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने दोनों को गिरफ्तार कर इनके कब्जे से 5.50 लाख के नकली नोट बरामद किए हैं। नोट दो-दो हजार के हैं। स्पेशल सेल के विशेष पुलिस आयुक्त एचजीएस धालीवाल के अनुसार, इंस्पेक्टर नागेंद्र सिंह की सूचना मिली थी कि कैराना में नकली नोट छापे जा रहे हैं।नकली नोट यूपी, पंजाब व दिल्ली में सप्लाई किए जा रहे हैं। इसके बाद इंस्पेक्टर नागेंद्र सिंह को 21 जून को सूचना मिली कि नकली नोट सप्लाई करने वाला अलीपुर में आएगा। एसीपी वेदप्रकाश की देखरेख में इंस्पेक्टर नागेंद्र सिंह व अनुज नौटियाल की टीम ने यहां घेराबंदी कर कैराना के खैल खुर्द निवासी ताजीम को गिरफ्तार कर लिया। इसके पास से दो लाख 50 हजार रुपये के नकली नोट बरामद किए गए।
ताजीम ने बताया कि उसे नकली नोट कैराना निवासी इरशाद ने दिए थे। इसके बाद पुलिस ने यूपी में दबिश देकर कैराना में जामा मस्जिद स्थित पुराना बाजार निवासी इरशाद को गिरफ्तार कर लिया। इसकी दुकान से तीन लाख रुपये के नकली नोट बरामद किए गए।
इसके अलावा दुकान से नकली मुद्रा नोट बनाने के लिए एफआईसीएन यानी पेपर शीट्स, सुरक्षा धागे के रूप में इस्तेमाल की जाने वाली ग्रीन फॉइल शीट और चमकदार स्याही के साथ एफआईसीएन पर अंक 2000 अंकित करने को इस्तेमाल किए जाने वाले फ्रेम को मुद्रित करने के लिए उपयोग की जाने वाली सामग्री/उपकरण आदि सामान बरामद किया गया। नकली नोटों के प्रसार में दोनों आरोपियों द्वारा उपयोग किए गए मोबाइल और सिम कार्ड भी जब्त कर लिए गए हैं। आरोपी इरशाद अब तक करीब 20 लाख रुपये के नकली नोट छाप चुका है।
बड़े मुनाफे का झांसा देकर गोरखधंधे से जोड़ा
ताजीम 1998 से कपड़े की रंगाई के पेशे में है और उसने शामली, पानीपत और मोहाली आदि में काम किया है। उसके बाद वह पड़ोसी इरशाद उर्फ भूरू के संपर्क में आया। इरशाद ने उसे बड़े मुनाफे का झांसा देकर नकली नोट सप्लाई करने के गोरखधंधे में शामिल कर लिया। परिवार को चलाने में आ रही परेशानियों को देखते हुए वह इस धंधे में शामिल हो गया। आरोपी इरशाद कैराना में छोटी सी सुनार की दुकान चलाता है। कोविड्र महामारी के दौरान उसे भारी वित्तीय नुकसान हुआ। इसके बाद वेब सीरीज फर्जी देखकर नकली नोट छापने लगा। ये छह-सात महीने से नकली नोट छाप रहा है।